Monday, October 28, 2013

वोह थे खफा हमसे ...,

वोह थे खफा हमसे या हम थे खफा उनसे
बस इसी कशमकश में दूरिया बढती रही ..........

ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती
मूझे जीने कि सूरत नहीं मिलती
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता
मूझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती ...

हर जज्बात को जुबान नहीं मिलती..
हर आरजू को दुआ नहीं मिलती..
मुस्कान बनाये रखो तो साथ है दुनिया..
वर्ना आंसुओ को तो आंखो मे भी पनाह नहीं मिलती...


मुझ में ख़ुशबू बसी उसी की है
जैसे ये ज़िंदगी उसी की है....!

वो कहीं आस-पास है मौजूद
हू-ब-हू ये हँसी उसी की है...!

ख़ुद में अपना दुखा रहा हूँ दिल
इस में लेकिन ख़ुशी उसी की है...!

यानी कोई कमी नहीं मुझ में
यानी मुझ में कमी उसी की है..!

क्या मेरे ख़्वाब भी नहीं मेरे
क्या मेरी नींद भी उसी की है...!!!


देखो तो मुहब्बत की हर राह , किस ओर निकलती है
कहने को ज़िन्दगी है , हर बार ही छलती है
सूरज के मुहाने से , दिन निकलता है
चन्दा तेरी गलियों में अश्क की रात भी ढलती है

ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे
दिल धडकता नहीं सुलगता है
क्या गंवाया है क्या मिला है मुझे….!!!

ज़िंदगी हमने सुना था चार दिन का खेल है..
चार दिन अपने तो लेकिन इम्तिहाँ मे खो गए…!!!

तुम अपने अक्स में क्या देखते हो
तुम्हारा अक्स भी तुम सा नहीं है..!
बहुत सोचा है हम ने ज़िंदगी पर
मगर लगता है कुछ सोचा नहीं है….!!!

उनकी महफ़िल में एक उनके सिवा
मुझको हर इक ने ग़ौर से देखा…!
आज क्यों पूछते हो हाल मेरा
आपने कल कुछ और से देखा….!!
मुझपे उठ्ठी निगह ज़माने की
आपने जब भी ग़ौर से देखा…..!!!

Thursday, October 10, 2013

ए खुदा किसी को किसी पर फ़िदा मत करना;
और अगर करे तो फिर उन्हें जुदा मत करना।

दीवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की
लोगों ने मेरे आँगन से रस्ते बना लिए।

 वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए!
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!

बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की,
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।

तुम्हारी यादों में बीती हर बात अलग है
तुम्हारे साथ हुई हर मुलाकात अलग है
हर शख़्स मेरी ज़िन्दगी छूकर गया
मगर तुम्हारी दोसती की बात अलग है॥

हर हसीं काफिरां के माथे पर
अपनी रहमत का ताज रखता है
तू भी परवरदिगार मेरी तरह
आशिकाना मिज़ाज रखता है।

हमें भी याद रखें जब लिखें तारीख गुलशन की;
कि हमने भी लुटाया है चमन में आशियां अपना।

चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह ।
जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥

हर कोई हमको मिला पहने हुए नकाब,
अब किसको कहें अच्छा किसको कहें खराब.

कीसी के पास खाने के लिये एक वक्त की रोटी नहीं हे …..
कीसी के पास रोटी खाने के लिए वक़्त ही नहीं हे

ना जाने वो कौन इतना हसीन होगा,
आपके हाथ में जिसका नसीब होगा,
कोई आपको चाहे ये कोई बडी बात नहीं,
जिसको आप चाहो वो खुश नसीब होगा..

जिंदगी जख्म की तस्वीर बनके रह गई,
तू मेरे दिल पे लगी तीर बनके रह गई..
मैं बना फिरता हूं दीवाना तेरे गम में,
तू मेरे पैरों की जंजीर बनके रह गई..

गुज़रे दिनों की भूली हुई बात की तरह,
आँखों में जागता है कोई रात की तरह,
उससे उम्मीद थी की निभाएगा साथ वो,
वो भी बदल गया मेरे हालात की तरह !

Utha kar phool ki patti nzaqat se masal dali.....

Ishare se kaha ham dil ka esa haal karte he !!

वो रूठ जाते हैं अक्सर सिकवा किये बगैर,

और हम भी सह जाते हैं सिकायत किये बगैर.

समझ कर काँच का टुकङा
तरांशा मुझको दुनीयाँ ने
.
बना फिर भी नहीँ
'कंगन' तेरी नाजुक कलाई का ।

यूँ तो रिश्तों में ही रिश्तों की हकीकत है ,
फिर भी बिन आपके ये महफ़िल अधूरी है |


पल-पल इन्तजार किया एक पल के लियेँ
वो पल आया भी तो एक पल के लियेँ
अब तो हर पल इन्तजार हैँ उस पल के लिये
कि वो पल आये फिर से एक पल के लियेँ

खुदा सें कोई बात अन्जान
नही होती.
इन्सान की बंदगी बेईमान नही होती!
कभी तो माँगा होगा हमने एक
प्यारा सा रिश्ता.
वर्ना यूँ ही आपसे पहचान
नही होती...!

 मिली जब भी नजर उनसे धड़कता है हमारा दिल
पुकारे वो उधर हमको, इधर दम क्यों निकलता है..

बहे ये इश्क की थोड़ी हवा अपने भी जानिब कुछ
जरा देखें ये तेवर मौसमों का कब बदलता है...
बदलती जा रही है जिन्दगी, अरमाँ भी बदले हैं
कैसे थामेंगे इस दिल को , जो हर दम ही मचलता है ॥.!!!

मेरी आँखों में बस जाओ ज़रा मुझ पर तरस खाओ
ज़मीनों आसमानों में तुम्हारा ही नज़ारा हो.....!!!

दोस्तों ये महफ़िल आपकी है और सजाना भी आप को ही है
क्यूँ की मै तो बस यही चाहता हूँ की...................
मुस्कुराता हुआ आज हो,
गुनगुनाता हुआ कल हो,
हम रहे या ना रहे ,
खुशियों से भरा आपका हर एक पल हो.......

कदम थक गए है ,
दूर निकलना छोड़ दिया है .
पर ऐसा नहीं के मेने चलना छोड़ दिया है ..
फासले अक्सर मोहब्बत बाधा देते है ,
पर ऐसा नहीं के मेने करीब आना छोड़ दिया है ..

मेने चिरागों से रोशन की है अक्सर अपनी शाम ,
पर ऐसा नहीं के मेने जलना छोड़ दिया है ..
में आज भी अकेला हु दुनिया की भीड़ में ,
पर ऐसा नहीं के मेने ज़माना छोड़ दिया है

वोह रुठते रहे हम मनाते रहे ..
उनकी राहों में पलकें बिछाते रहे ..
उन्होंने कभी पलट के भी न देखा ...
हम आंख झपकने से भीं कतराते रहे....

आता नही हमको राहें वफा दामन बचाना
तुम्ही पर जान दे देगें एक दिन आज़मा लेना......

 तेरी नजाकत को देखकर तेरी इबारत छोड़ दी
जरा हम भी तो देखें हमारी तरह चाहता कौन है

गुनाह करके सज़ा से डरते हैं;
पी के ज़हर दवा से डरते हैं;
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमको;
हम तो दोस्तों की बेवफाई से डरते हैं

खुशिया गम का तोहफा देके गुजर जाती है करीब से.
जिसे चाहता है दिल, वो बिछड़ जाते है नसीब से.

वफ़ा की राह में हम ने लूटा दी जिन्दगी अपनी ,
निगाहे देखती है उनकी, फिर भी मुझे अजीब से .

अमीरी इस कदर शहर में फ़ैलाने लगी है पावं को,
की सपने देखने का हक भी,छिनने लगा गरीब से.

दोस्तों ने दोस्ती का फर्ज निभाया कुछ इस तरह,
की हमने खौफ खाना छोड़ दिया अपने सारे रकीब से

रिश्तों का चिराग जलने लगा मतलब की तेल से ,
और हमसब दूर होते चले गये हमदर्दी की तहजीब से

एक उमर हुई बिछड़े उसको ,
 वो जाने कहाँ है लेकिन आज भी आती है यादों की रवानी में ,
आज भी बसेरा है आँखों के पानी में , एक उमर हुई बिछड़े उसको .................!!

एक मीठी मुस्कान ले आना ,जब आना तुम
जीने के अरमान ले आना ,जब आना तुम


हास्य-व्यंग्य

पति : मुझे अलाद्दीन का चिराग मिला....
.
पत्नी : वाह ...आप ने क्या मांगा प्रिये ......
.
पति : मैंने कहा की वो तुम्हारे मस्तिक को दस गुना कर दे .......
.
पत्नी : क्या उसने ऐसा कर दिया .. ?
.
पति : वो हंसा और कहने लगा ....
शून्य से किसी को गुणा नहीं किया जा सकता है.


= एक लड़की की सुहागरात के अगले दिन
उसकी सहेली ने पुछा " कैसी रही सुहागरात ?"

लड़की " कुछ खास नहीं । "

सहेली " कुछ खास नहीं क्या मतलब ?

बताना यार क्या हुआ ?"

लङकी :- बताया ना कुछ नहीँ ।

सहेली :- प्लीज प्लीज बता ना यार क्या हुआ प्लीज ।

लड़की " तो सुनो ,
वो आये और कमरे की कुण्डी बंद कर ली।
"
सहेली " फिर क्या हुआ ?"

लड़की " फिर उन्होंने अपना कोट उतार कर
खूँटी पर टांग दिया । "

सहेली " अरे जल्दी बता
फिर क्या हुआ ?"

लड़की " फिर उन्होंने अपनी पैंट भी उतार कर
खूँटी पर टांग दी। "

सहेली " ओह यार !
फिर क्या हुआ ?

लड़की " फिर उन्होंने अपनी शर्ट भी उतार कर
खूँटी पर टांग दी। "

सहेली " प्लीज जल्दी बता यार
फिर क्या हुआ ?"

लड़की " फिर क्या हुआ जैसे ही उन्होंने
अपनी बनियान उतार कर खूँटी पर टांगी,
खूँटी टूट
गयी और वो सारी रात खूँटी ही ठोकते रहे

=  डाक्टर ने चिल्लाते हुए कहा …….

बधाई हो माथुर साहब आप का खून आप की पत्नी से मिल गया
तो माथुर साहब ने कहा , मिले गा क्यू नहीं , ये पच्चीस साल से मेरा खून जो पी रही हैं


=एक बूढ़ा आदमी एक दिन एक जिम में जाता है और
वहां लगी मशीनों के साथ एक्सरसाइज़ करने लगता है
तभी उसे वहां एक लड़की नजर आती है।
बूढ़ा आदमी ट्रेनर से पूछता है, "अगर मैंने उस
लड़की को इम्प्रैस करना है तो मेरे लिए कौन सी कौन
सी मशीन सही रहेगी।"
ट्रेनर ने बूढ़े को सिर से पाँव तक देखा और और कहा,"मैं
यहीं आसपास में कहीं ए.टी.एम मशीन देखता हूँ।"

=मुंबई की एक लड़की मिनीस्कर्ट पहनकर, अपने दोस्त के गाँव पहुंची ....

दोस्त की माँ ने उसका पहनावा देखकर पूछा - तुम्हारी माँ ने तुम्हें कुछ नहीं कहा …?

लड़की : माँ बहुत नाराज हुई और
गुस्से में बोली थी '' दुबारा मेरी स्कर्ट पहनी तो बहुत मारूंगी''

=LADY Apne BF K Sat Gum Rhi ti. Itne ME Uska Hsbnd Aa gya or usk BF Ko Peetne Lga.
Ldy-Mar Sale Ko! Apni BV Gumate Nhi, Dusre Ki BV Ko Gumane le ate h.
Itne me BF ko josh aya or wo hsbnd ko marne lga.
Ldy-Mar sale ko! na khud gumane le jata h,na kisi or ko gumane deta h..

= एक पत्नी रात को देरी से घर आयी.
जैसे ही अपने बेडरूम में
पहुंची तो उसने देखा कि बेड पर
कम्बल के नीचे दो के बजाय चार पैर हैं
उसने बिना कुछ सोचे
समझे बेसबॉल बैट लाया और कम्बल पर जोर जोर से मारने
लगी!
ऐसा करने के बाद वह किचन में
गयी और पानी पीने
लगी जैसे ही वह डाइनिंग टेबल
की तरफ मुड़ी उसने देखा उसका पति वहां मैगजीन पढ़
रहा है!
पति: हाय डार्लिंग!!! ....तुम्हारे
मम्मी पापा आये हैं और
वे सफ़र करके काफी थक गए थे..
इसलिए मैंने उन्हें हमारे बेडरूम में आराम करने भेज दिया!
क्या तुम उनसे मिली

= पप्पू को तीन महीने में ही बच्चा हो गया।
उसने अपने पत्नी से पूछा: - तीन महीने में बच्चा कैसे हुआ ?
वाइफ ने उत्तर दिया:- तुम्हारी शादी को कितना अरसा हुआ ?
पप्पू:- 3 महीने...।
वाइफ:- और मेरी शादी को ?
पप्पू:- 3 महीने...।
वाइफ: -और ब्च्चा कितने महीने के बाद ?
पप्पू:- 3 महीने...।
वाइफ:- टोटल कितने हुए ?
पप्पू नाचते हुए :- ओय 9 महीने... तु किन्नी प्यारी वाइफ है...बल्ले बल्ले !!!!

= पप्पू लिफ्ट मेँ था. एक लड़की महंगा परफ्यूम लगा कर लिफ्ट में आई और पप्पू को देखकर बोली- कोबरा परफ्यूम, 6000 रुपए।
.
दूसरी लड़की भी सेँट मारते आई और वह भी पप्पू को देखकर बोली-
ब्रूट परफ्यूम 7000 रुपए।...
.
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अचानक लिफ्ट रुक गई। दोनों लड़कियाँ अपनी-अपनी नाक पकड़ कर पप्पू को घूरने लगीं।
.
.
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पप्पू ने मुस्कुराते हुए कहा-
.
"मूली..! 15 रुपए किलो!"

= Boy-I Love u
Girl ne boy se pucha main bhi tumse i love u kahu to kya karoge
Boy- khushi se mar jaaunga
Girl- ja pagle nahi kehti
JEE Le apni zindgi...

= Wife – kitchen se aji sunte ho
aajkal mai khubsurat hoti ja rahi hue .
Husband – : tumne kaise jana
Wife :- aaj kal meri khubsurti dekhkar rotiyan bhi jalne lagi hai …..

= Gabbar :- अरे ओ सांबा , कितने
आदमी थे ? ?
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Sambha:" पता नहीँ सरकार , मै
तो लडकियाँ देख रहा था


= एक लड़के ने अपनी गर्लफ्रेंड को फोन किया तो उसके पापा ने उठा लिया, लड़का मन मे बोला हे भगवान ये कहाँ से आगया,

Dad: हैलो, कौन बोल रहा है?

Boy: मैं अमिताभ बच्चन बोल रहा हूँ "कौन बनेगा करोड़पति" से ओर आपकी बेटी की फ्रेंड हॉट सीट पर बेठी है ओर आपकी बेटी की मदद चाहती है, उसको फोन दीजिये Sir,

Dad: ओह, रोमांचित हो कर बेटी को फोन दे दिया,

Boy: सवाल यह "आज शाम को तुम कहाँ मिलोगी"

Option A: Beach
Option B: Park
Option C: Coffee shop
Option D: Mall"

Girl: "Option A"

Boy : धन्यवाद, ओर अब आप का समय समाप्त होता है, पिता अभी तक खुशी के मारे फुले नहीं समा रहे थे !

= एक बार संता डॉक्टर के पास गया और बोला, " डॉक्टर साहब मैं अपने
बढ़ते वज़न से बहुत परेशान हूँ इसकी वजह से आज कल मेरी तबियत भी कुछ
ठीक नहीं रहती।

डॉक्टर: स्वस्थ रहने के लिए आप रोज या तो व्यायाम किया कीजिये
या फिर कोई खेल खेला कीजिये।

संता: डॉक्टर साहब मैं रोज फुटबॉल, क्रिकेट और टेनिस खेलता हूं।

डॉक्टर आश्चर्य से, "अच्छा! तुम रोज कितनी देर खेलते हो।

संता: जब तक मोबाइल की बैटरी खत्म नही हो जाती।

= कॉलेज वाली... मसालेदार होती है

पड़ोस वाली... कड़क होती है

ऑफिस वाली... मीठी होती है

घर वाली... फीकी होती है

होटल वाली... मस्त होती है

5 स्टार वाली... महंगी होती है

लेकिन एक बात है यार...

चाय आखिर चाय होती है।

सोच बदलो

पता नहीं दिन भर क्या-क्या सोचते रहते हो..!! शुभ प्रभात चाय के साथ जी !

Wednesday, October 9, 2013

s1

जो आँखों से उतर के, दिल मे आए, मीत बन जाए,,
जिगर की टीस जब, होठों पे आए, गीत बन जाए,,
मुझे ना रोक पाओगे, कभी तुम गीत लिखने से,,
तुम्हारी याद मे जो, भी लिखूं वो, गीत बन जाए,, !!
.
काला न कहो मेरे महबूब को;
काला न कहो मेरे महबूब को;
खुदा तो तिल ही बना रहा था;
पर प्याला ही लुढ़क गया।

यादों का आना जाना तो लगा रहता है
हर रोज़ पलकों को नहीं भिगोया करते...

बरसों पहले प्रेम किया और,
कहा नही अब तक तुमसे,,
हम भी एक अच्छे इन्सां थे,
मिले न थे जब तक तुमसे !!

सारे वादे और सारी कसमे कब निभाते है,
जो निभाते है, वो भी दिल से कब निभाते है,,
मेरे अफसानों का अन्जामों-आगाज है यें,
आते-आते वो तेरे नाम पे आ जाते है !!

" दौलत और जवानी एक दिन खो जाती है
सच कहता हूँ सारी दुनिया दुश्मन हो जाती है
उम्र भर दोस्त लेकिन दोस्त रहते हैं"

आज की रात भी गुजरी है मेरी कल की तरह,
हाथ आए न सितारे तेरे आंचल की तरह.
मैं हूँ एक ख्वाब मगर जागती आँखों का 'अमिर',
आज भी लोग गवां दे न मुझे कल की तरह.!!

कुछ लोग थे कि वक्त के सांचे में ढल गए,
कुछ लोग थे कि वक्त के सांचे बदल गये. !!

कौन कहता है कि आसमान में सुराख़ नहीं हो सकता,
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो।

दालानों की धुप,छतों की शाम कहाँ,
घर से बाहर घर जैसा आराम कहां।
दिनभर सूरज किसका पीछा करता है,
ऱोज पहाड़ी पर जाती है शाम कहां।

घटा में छुपके सितारे फ़ना नहीं होते,
अँधेरी रात में दिल को दिये बनाके जियो।

जिस्म तो बहुत संवार चुके रूह का सिंगार कीजिये,
फूल शाख से न तोडिये खुशबुओं से प्यार कीजिये !!

अकेलेपन का मुझे खौफ अब नहीं होता,
तुम्हारी याद की खुशबू करीब होती है.!!

लम्हों की किताब है जिन्दगी
यादों का हिसाब है जिन्दगी,
कभी सुख तो कभी दुःख के
सवालों का जवाब है जिन्दगी.!!

"हर रोज हमें मिलना, हर रोज बिछड़ना है,
मैं रात की परछाई,तू सुबह का चेहरा है."

" चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है,
रोज तारों की नुमाइश में खलल पड़ता.
उनकी याद आई है सांसे जरा धीरे चलो ,
धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता है. "

"चाँद के बिना अँधेरी रात रह जाती है
साथ कुछ हसीन मुलाकात रह जाती है,
सच है जिंदगी कभी रूकती नहीं
बस वक्त निकल जाता है और याद रह जाती है."

मुझे इन पत्थरों का डर ना होता
अगर शीशे का मेरा घर ना होता
यकीकन हम भी खेलते प्यार की बाज़ी
अगर दिल टूटने का डर ना होता।

ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे,
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे…!!

रोने से किसी को पाया नहीं जाया ,
खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता ,
वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए
पर जिन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए !!

ताजमहल देखकर बोला शाहजहाँ का पोता
ताजमहल देखकर बोला शाहजहाँ का पोता
अपना भी होता बैंक बैलेंस
अगर दादा आशिक ना होता!

“कृष्ण रास करे तो रसिला
हम करें तो कैरेक्टर ढीला

“पूरी बोतल ना सही कम से कम एक जाम तो हो
जिनकी याद में हम बीमार पड़े हैं
कम से कम उन्हें जुकाम तो हो!”

तुमसा कोई दूसरा ज़मीं पर हुआ,
तो रब से शिकायत होगी,
एक तो झेला नही जाता,
दूसरा आ गया तो क्या हालत होगी !!

प्यार के ज़ाम को ऐसे ना पियो कि,
आधा पिया और आधा छोड़ दिया,
यारों ये प्यार है प्यार, नही कोई विम बार,
जो थोड़ा सा लगाया और बस हो गया !!

कहते हैं कि इश्क में नींद उड़ जाती है,
कोई हमसे भी इश्क करे,
कमबख्त नींद बहुत आती है !!

खिड़की खुली जुल्फ़ें बिखरी,
दिल ने कहा दिलदार निकला,
पर हाय रे मेरी फूटी किस्मत,
नहाया हुआ सरदार निकला..!!

और भी चीज़ें बहुत सी लुट चुकीं हैं दिल के साथ,
ये बताया दोस्तों ने इश्क फ़रमाने के बाद,
इसलिये कमरे की एक-एक चीज़ ‘चैक’ करता हूँ,
एक तेरे आने से पहले एक तेरे आने के बाद !!

जो लोग वतन के लिए मिटटी में मिले हैं,
उन लोगों की मिट्टी से यहाँ फूल खिले हैं.!!

बिल्डिंगों की भीड़ में गुम हो गई है बस्तियां,
अब कहाँ सावन के झूले,अब कहाँ वो मस्तियाँ।

गुजरो जो बाग से तो दुआ मांगते चलो,
जिसमें खिले हैं फूल,वो डाली हरी रहे।

रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो
आँखे सच बोलती हैं प्यार छुपाया न करो !!

ना जाने ये नज़र क्यों उदास रहती है,
ना जाने इसे किस की तलाश रहती है।
ये जान कर के वो किस्मत में नहीं है,
फिर भी उसे पाने की आस रहती है।

कदम कदम पे हवा की आहट का ध्यान रखना
मुश्किल समय में भी इस दोस्त को याद रखना
हमारी यादों की खुशबू ज़रूर आएगी
तुम बस अपनी नाक साफ़ रखना

हवा के झोंके हैं हम गुजर जायेंगे,
ख़ामोशी से आपके दिल में उतर जायेंगे।
पा के आपकी दोस्ती ये अहसास हुआ दोस्त,
आपसे बिछड़कर हम बिखर जायेंगे।

जब नज़र से नज़र मिली
तब नज़र ने नज़र से कहा कि
ए नज़र...
इस नज़र को इस नज़र से न देख कि
कहीं नज़रों को नज़र लग जाए

जब भी किसी को करीब पाया है
कसम खुद की वहीँ धोखा खाया है
क्यों दोष देते हैं हम काँटों को
ज़ख़्म तो हमने फूलों से पाया है

हमने देखी है इन आँखों की महकती खुशबू
हाथ से छू कर इसे इश्क का इलज़ाम न दो
एक एहसास है इसे रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो
इसे कोई दूसरा नाम न दो

देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं
नहीं गुज़रा इस रस्ते से होकर कोई
फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं

आँधियों में भी जैसे कुछ चिराग़ जला करते हैं
उतनी ही हिम्मत-ए-हौंसला हम भी रक्खा करते हैं
अभी और दूर है हमारी मंज़िल
चाँद सितारे तो राहों में मिला करते हैं

टूटे हुए पैमाने में जाम नहीं आता
इश्क के मरीज़ को आराम नहीं आता
ए दिल तोड़ने वाले आपने ये तो सोचा होता ...
टूटा दिल किसी के काम नहीं आता..

उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम,
उसके ग़मो को हंसीं से सजा रहे थे हम,
जलाया उसी दिए ने मेरा हाथ,
जिसकी लौ को हवा से बचा रहे थे हम

कुछ सालों बाद न जाने क्‍या समां होगा
न जाने कौन दोस्‍त कहां होगा
फिर मिलना हुआ तो मिलेगें यादों में
जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में।

रास्ता अगर खूबसूरत है तो पता करो
कि किस मंजिल को जाता है
लेकिन अगर मंजिल खूबसूरत है
तो रास्ते की परवाह मत करो

तुम आये ज़िन्दगी में कहानी बनकर
तुम आये ज़िन्दगी में रात की चांदनी बनकर
बसा लेते है जिन्हें हम आँखों में
वो अक्सर निकल जाते हैं आँखों से पानी बनकर

शाम उतरी ज़िन्दगी गाने लगी
मौत को फिर नींद आने लगी
फिर किसी की याद का दीपक जला
और अँधेरी रात मुस्कुराने लगी

बादलों के बीच कैसी साजिश हुई
मेरा घर था मिटटी का
मेरे ही घर बारिश हुई
जिद है अगर उन्हें बिजलियाँ गिराने की
तो हमें भी जिद है अपना आशियाना वहीँ बनाने की

कफ़न मेरे अरमानो का काफी रंगीन है
चिताए तो खून की है ज़ख़्म संगीन है
आसमान रोया न हवा कुछ कह सकी
मेरे आंसुओं की गवाह ये गीली ज़मीन है

मेरा इकरार तेरे इनकार से बेहतर होगा
मेरा दिन तेरी रात से बेहतर होगा
यकीन नहीं तो डोली से झाँक कर देखना
मेरा ज़नाज़ा तेरी बरात से बेहतर होगा

ग़मों में हंसने वालों को रुलाया नहीं जाता
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता
बनने वाले बन जाते हैं अपने
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता !!

कभी जज्बात तो कभी यादों को दफ़न करते हैं
कभी आंसू तो कभी दर्द को पिया करते हैं
मोहताज़ तो नहीं फिर भी
हम आपके आने का इंतज़ार किया करते हैं !!

दीपक बुझ कर भी जल सकता है,
नैय्या डूबकर भी तर सकती है ,
मायूस न हो हिम्मत रख ,
तकदीर किसी वक्त भी बदल सकती है !!

अपने हिस्से की ज़िन्दगी तो हम जी चुके
अब तो बस धडकनों का लिहाज़ करते हैं
क्या कहें दुनिया वालों को जो
आखिरी सांस पर भी ऐतराज़ करते हैं !!

आँखें प्यार में दिल की जुबान होती है
सच्ची चाहत तो सदा बेजुबान होती है
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना
सुना है दर्द से चाहत और ज़वान होती है !!

!!शादी क्या है !!????

१. शादी एक खुली जेल है ।
२. शादी एक ऐसी साझेदारी है, जिसमें पूँजी पति लगाता है, लाभ पत्नी पाती है ।
३. शादी एक ऐसी कहानी है, जो झील के किनारे से शुरू होकर ज्वालामुखी के पहाड़ पर समाप्त होती है ।
४. शादी एक ऐसी जोड़ी है,जिसर्मे प्रेम होता है, चूंकि प्रेम अंधा होता है, इसलिये यह अंधों की जोड़ी है ।
५. शादी एक ऐसा आयोजन है, जिसे महीलायें पुरूषों को लूटने के लिये आयोजित करती है ।
६. शादी एक ऐसी किताब है, जिसका पहला भाग पद्य में तथा शेष गद्य में होते हैं ।
७. शादी एक ऐसा मिलन है, जो अच्छे मित्रों की तरह रहने के इरादे से शूरु किया जाता है और दिन-ब-दिन ये इरादे बदलते जाते हैं ।
८.शादी एक ऐसा प्रमाण है, जिसके बाद ही आदमी मानता है कि कुँवारे ही भले थे ।
९.शादी जीवन का एक ऐसा मोड़ है, जिसमें लड़की की सब चिंतायें समाप्त हो जाती है, लड़के की शुरू हो जाती है ।
१०.शादी ही वह संस्कार है, जिसे करने के बाद आदमी को ज्ञान होता है कि नर्क पृथ्वी पर ही है ।
११.शादी एक शब्द नहीं, एक वाक्य है !!

S

घर से बाहर जब निकलती हूँ सिहर जाती हूँ में
माँ ना हो गर साथ मेरे बहुत डर जाती हूँ में
एक सीटी एक बोली एक मैली सी नजर
जब कभी उठती है सौ सौ मौत मर जाती हूँ में

मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि,
कहाँ सीखीं थी ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि..

तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है,
अफ़सोस ये दावा झूठा है ये आंकड़े किताबी है.!!

मरहम न सही एक ज़ख्म ही दे दो..
महसूस तो हो के कोई हमें भूला नहीं !!

घर बना के उसने मेरे दिल में क़यामत कर दी.
ना खुद रहता है ना किसी और को बसने देता है..!!

वो मौजूद है आज भी, इस दिल के कोने में कही,
एक बार इस दिल के करीब, आकर तो देखो,
बहुत मासूम सी सिसकिया ले रहा, ये नादान,
एक बार इस दिल को, दिल से लगा के तो देखो...!!

जी भरके रोते है तो करार मिलता है,
इस जहां मे कहां सबको प्यार मिलता है,
जिंदगी गुजर जाती है इम्तिहानो के दौर से.
एक जख्म भरता है तो दूसरा तैयार मिलता है !!

ना प्यार की इज्जत होती है ना सच्चाई की पूजा होती है
जीने के लिए इस दुनिया में सिर्फ पैसे की जरुरत होती है !!

कहीं अँधेरा तो कहीं शाम होगी;
मेरी हर ख़ुशी तेरे नाम होगी;
कुछ मांगकर तो देख हमसे;
सारी जिंदगी तेरे नाम होगी।

फिजा में महकती शाम हो तुम;
प्यार में झलकता जाम हो तुम;
सीने में छुपाए फिरते हैं हम यादें तुम्हारी;
इसलिए मेरी जिंदगी का दूसरा नाम हो तुम।

वो याद नहीं करते, हम भुला नहीं सकते;
वो हंसा नहीं सकते, हम रुला नहीं सकते;
दोस्ती इतनी खूबसूरत है हमारी;
वो बता नहीं सकते, हम जता नहीं सकते।

खोकर पाने का मज़ा ही कुछ और है;
रोकर मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है;
हार तो जिंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त;
हार के बाद जीतने का मजा ही कुछ और है।

हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे, रास्ता हो जाएगा।

उसकी चौखट को मैंने चूम कर
सजदे में सर को झुका लिया
अपनी दुआओं का क्या हिसाब दूँ
तुझको ही उससे माँग लिया।

"लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की
जब, जहाँ, जो मिला, अपना लिया,
जो न मिला, उसकी ख्वाहिश न की"

आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
शहर में जब चर्चा....मेरी शोहरत का हुआ
नाम नहीं लेती.....मुझे अब जान कहती है
देखो कितना असर उसपर दौलत का हुआ. !!

कीमत पानी की नहीं, प्यास की होती है;
कीमत मौत की नहीं, सांस की होती है;
प्यार तो बहुत करते हैं दुनिया में;
पर कीमत प्यार की नहीं ,विश्वास की होती है।


अब किसी पर ऐतबार करना मुश्किल है
अब उस दौर में पहुंचना मुश्किल है
उसके जाने के बाद भी कोई जीना है
लेकिन अभी जिन्दा हूँ ये बताना भी मुश्किल है

कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको |

गुनाह करके सज़ा से डरते हैं,
जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं,
हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं |

मैंने ख़ुदा से एक छोटी सी दुआ मांगी
दुआ में उससे अपनी मौत मांगी
ख़ुदा ने कहा बेशक मैं तुझे मौत दे दूं पर
उसे क्या दूं जिसने तेरी लंबी उमर की दुआ मांगी !!

आंखों में नमी थी और विटामिन की कमी थी,
जिससे रात भर चैट की वह गर्लफ्रेंड की मम्मी थी.!!

ऐसा नहीं कि आप याद आते नहीं
खता सिर्फ इतनी है कि हम बताते नहीं
रिश्ता आपका अनमोल है हमारे लिये
समझते हो आप इसलिये हम जताते नहीं।

तू कहीं भी रहे सर पर तेरे इलजाम तो है
तेरे होंठों की लकीरों पे मेरा नाम तो है
मुझको अपना बना या ना बना
तू मेरे नाम से बदनाम तो है।

दोस्तों में जब दरार बढ़ जाती है
तड़पने के लिये सिर्फ याद रह जाती है
क्या फर्क पड़ता है कागज हो या कोयला
जलने के बाद सिर्फ याद रह जाती है।

हमारी खामोशी हमारी आहट है
हमारी आंखें हमारी चाहत हैं
हमारी जिंदगी अगर खूबसूरत है
तो उसकी वजह बस आपकी मुस्कुराहट है।

काश कोई हम पर प्यार जताता
हमारी आंखों को अपने होंठों से छुपाता
हम जब पूछते कौन हो तुम
मुस्कुरा कर वो अपने आप को हमारी जान बताता।

हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो।

क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है!
एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है!
लगने लगते है अपने भी पराये!
और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है!

आपकी हंसी बहुत प्यारी लगती है;
आपकी हर ख़ुशी हमें हमारी लगती है;
कभी दूर ना करना खुद से हमें;
आपकी दोस्ती हमें जान से भी प्यारी लगती है।

लफ्ज़ वही हैं , माईने बदल गये हैं
किरदार वही ,अफ़साने बदल गये हैं
उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते
ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं.!!

पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं कि ख्वाबो में किसे देखते हो?
और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं !

हसरत थी सच्चा प्यार पाने की,
मगर चल पडी आँधियां जमाने की,
मेरा गम कोई ना समझ पाया,
क्युँकी मेरी आदत थी सबको हसाने की..!!

दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आकर युँ तडपाया ना करो...!!

वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो..
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया करो..
तेरी महोब्त में हम सब कुछ खो बैठे..
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो...!!

किसने भीगे हुऐ बालों से ये झटका पानी,
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी,
कोई मतवाली घटा पीके जवानी की उमंग,
दिल बहा ले गया बरसात का पहला पानी..

दिल में तमनाओं को दबाना सीख लिया,
गम को आँखों में छिपाना सीख लिया,
मेरे चहरे से कहीं कोई बात जाहिर ना हो,
दबा के होंठों को हमने मुस्कुराना सीख लिया.. !!

हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नही..!
दिल में बसाकर किसी को भुलाते नही..!
हम तो दोस्त के लिए जान भी दे सकते हैं...!
पर लोग सोचते हैं की हम दोस्ती निभाते नहीं...!!

मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती
मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती
सब जानते है मैं नशा नही करता,
मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती!

इश्क एक से हो तो भोलापन है,
दो से हो तो अपनापन है,
तीन से हो तो दीवानापन है,
चार से हो तो पागलपन है,
फिर भी काउंटिंग ना रुके तो कमीनापन है!

दुनिया से जो डरे, उसे कायर कहते हैं,
दुनिया जिससे डरे, उसे शायर कहते हैं,
और बीवी से जो डरे, उसे शौहर कहते हैं !!

चाँद पर काली घटा छाती तो होगी
सितारों में चमक आती तो होगी
तुम लाख छुपाओ दुनिया से मगर
अकेले में तुम्हें भी अपनी शक्ल पर हँसी आती तो होगी!

दूर से देखा तो संतरा था,
पास गया तो भी संतरा था,
छिल के देखा तो भी संतरा था,
खा के देखा तो भी संतरा था। वाह! क्या संतरा था।

“हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे
लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे
कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए
जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे!”

“खुशबू ने फूल को एक अहसास बनाया
फूल ने बाग को कुछ खास बनाया
चाहत ने मोहब्बत को एक प्यास बनाया
और इस मोहब्बत ने एक और देवदास बनाया!”

“आसमान में काली घटा छाई है
आज फिर गर्लफ्रेंड से मार खाई है
मगर मेरी गलती नहीं है दोस्तों
पड़ोसवाली लड़की आज मिनी स्कर्ट पहनकर आई है…”

“न इश्क कर मेरे यार
ये लड़कियाँ बहुत सताती हैं
न करना इन पर ऐतबार
यह खर्चा बहुत करवाती हैं
रिचार्ज तुम करवा के देते हो
और नंबर मेरा लगाती हैं!!”

“स्टूडेंट के दर्द को यूनिवर्सिटी क्या जाने
कॉलेज के रिवाजों को पेरेंट्स क्या जाने
होती है कितनी तकलीफ एक पेपर लिखने में
वो पेपर चैक करने वाले क्या जाने!!!”

तुम्हीं से प्यार करता हूँ, ना जाने मैं भला कब से,,
ना जीता हूँ ना मरता हूँ,, ना जाने मैं भला कब से,,
कदम रखा है तुमने, जब से इस दहलीज़ पे दिल की,,
उसी एक पल में रहता हूँ, ना जाने मैं भला कब से,, !!

खामोशी को समझे, मेरी तन्हाई को जाने।
क्या कहना चाहता हूँ? नजरों से पहचानें।।
ये सोच अंधेरे में, अक्सर बैठा करता हूँ मै।
जाने वो कब आ जाए, कमरे में शमां जलाने।।

उसकी तस्वीर जो चन्द बरसों पुरानी देखी,
हीर रांझे की मैने उसमें दीवानी देखी,,
कल जो मद्मस्त थी सावन की घटा के जैसी,
आज देखी तो लगा बदली सयानी देखी,, !!

नया ये दौर है लेकिन, वही किस्से पुरानें हैं।
मुहब्बत के जमाने थे, मुहब्बत के जमानें हैं।।
मेरे गीतों में जो तुमने सुने यादों के किस्से है।
मुहब्बत के तरानें तो अभी तुमको सुनाने हैं।।

हमारी ऑख से गिरता, जो तेरे प्यार का मोती,,
उसे होठों से चुन लेती, अगर तुम सामने होती,,
अगर आती बुलाने पे, हर एक राधा किशन के तो,,
मुहब्बत इस तरह से फिर, कभी बदनाम ना होती,, !!

Wednesday, October 2, 2013

R

अच्छी सूरत भी क्या बुरी बला है , जिसने भी ड़ाली बुरी नजर ड़ाली .

तेरे ख्वाबों का भी है शौक, तेरी यादो में भी है मजा.....!! समझ में नही आता सो जाऊँ या तुझें याद करुँ....!!

मेरे कत्ल का इरादा हो तो खंजर से वार मत करना,
मेरे मरने के लिए काफी है तेरा ओरो से प्यार करना.......!!!

 जिस्म छूती है जब आ आ के पवन बारिश में
और बढ़ जाती है कुछ दिल की जलन बारिश में

दूध में जैसे कोई अब्र का टुकड़ा घुल जाए
ऐसा लगता है तेरा सांवलापन बारिश में

अब तो रोके न रुके आंख का सैलाब सखी
जी को आशा थी कि आएंगे सजन बारिश में

जिस्म छूती है जब आ आ के पवन बारिश में


आप मानें या न मानें मेरा अपना है यक़ीन
ख़ूबसूरत ख्व़ाब से बढ़कर कोई धोखा नहीं….!!!

"लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की
जब, जहाँ, जो मिला, अपना लिया,
जो न मिला, उसकी ख्वाहिश न की"

दिल से गहरा न कोई समंदर मिला.
देखना हो तो अपना बना लो मुझे….!

ज़िंदगी ! सब तुम्हारे भरम जी लिए
हो सके तो भरम से निकालो मुझे….!!!


ये तेरे खत, तेरी खुशबू, ये तेरे ख्वाब-ओ-खयाल,
ये मेरी जाँ तेरे लिये है अपने प्यार की कसम ....!!!


नजर तुम्हारी नजर हमारी
नजर ने दिल की नजर उतारी
जिस नजर से देखा आपने
नजर को नजर ना लगे नजर हमारी

गुलशन है अगर सफ़र जिंदगी का,
तो इसकी मंजिल समशान क्यों है ?
जब जुदाई है प्यार का मतलब,
तो फिर प्यार वाला हैरान क्यों है ?
अगर जीना ही है मरने के लिए,
तो जिंदगी ये वरदान क्यों है ?
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,
आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है ?

तेरी आंखों में भी हमने प्यार का समन्दर ।
कौन सा वो राज़ है जो हमको बतलाते नहीं...
करें ? कैसे करें ? तेरे प्यार से शिकवा सनम ।
दिल ने है सोचा बहुत पर कुछ भी कह पाते नहीं...
याद करते हैं तुम्हें , बस भूल हम पाते नहीं ॥

मुहब्बत की बारिश में भीगा हुआ हूँ
तेरे बाद भी तुझमें डूबा हुआ हूँ…..
हुआ कैसा जादू अचानक ये मुझ पर
तुझे देखते ही मैं तेरा हुआ हूँ…..!!!

उसकी आँख का काजल पिघला होगा रात भर,
बेज़ुबाँ तकिये ने सुना दी दास्ताँ दर्द की….।

तू बचाए लाख दामन, मेरा फिर भी है ये दावा,
तेरे दिल में मैं ही मैं हूँ , कोई दूसरा नहीं है....!!

तड़पा के रख दिया है दिले-बेक़रार ने
मुझको तो मार डाला तेरे इंतज़ार ने …!!!

ख़्वाहिशों की ताजपोशी कर रहे हो तुम
वरना इतनी देर तक कोई भी इतराता नहीं…!!

मौत माँगते है तो जिन्दगी खफा हो जाती है,
जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है,
तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूँ,
जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है..

हटाये थे हमने जो राह से दोस्तों की,
वो पत्थर अब मेरे घर में आने लगे हैं !!

ये कहना कि उनसे मुहब्बत है मुझको,
ये कहने में मुझको तो 'ज़माने' लगे हैं !!

क़यामत यकीनन करीब आ गयी है,
हमने जाना 'वो' हमको भुलाने लगे हैं !!

नही बता पाउंगी की साँसे लेती हूँ कैसे तुम्हारे संग रहती हूँ ऐसे, दिया संग बाती हो जैसे..
तुमसे प्यार करती हूँ ऐसे, सागर में बूंद रहती हैं जैसे..
तुम्हारा इंतज़ार करती हूँ ऐसे पिया के इंतज़ार में बरसो से, पपीहा पुकारती हो जैसे..
तुम्हारे हर सफ़र पर साथ चलती हूँ ऐसे, तुम संग परछाई रहती हो जैसे..
तुम्हे खुद में महसूस करती हूँ ऐसे, दिल में धड़कने धड़कती है जैसे..
तुम्हे कैसे बताऊ कि प्यार करती हूँ तुम्हे कितना और कैसे, नही बता पाउंगी की साँसे लेती हूँ कैसे...

जमीनें हैं कहीं सूखीं कहीं बादल बरसता है…..
यहाँ इतनी मुहब्ब्त है, ये दिल क्यों फिर तरसता है.!!

मन में प्यार भरा जब हो ऊपर तक
फिर शिकायत की फुरसत किसे है !

आप जब टकटकी लगाते हैं
सूखे पेड़ों पे फूल आते हैं …

कान में बाँसुरी सी बजती है
आप जब नाम से बुलाते हैं …

तेरे मिलने का भरोसा जिनको
वो हवाओं में उड़ते जाते हैं ….!!!

जब भी उससे हाल-ए-दिल कह आये हैं
वापस आकर हम कितना पछताये हैं…
तू अपनी राहों की मसावत कम कर दे
तेरी आहट की हम आस लगाये हैं…..!!!

अपनी आँखों से तेरा चेहरा हमेशा देखूँ
तेरी आँखों से मगर सारा ज़माना देखूँ...!!

पहले आहट का साया महसूस किया था साँसों ने..
फिर तेरे चेहरे को महसूस किया होगा मेरी आँखों ने...!!

मन में रहेगा मेरे बस प्यार का उजाला
हर राह ज़िन्दगी की रोशन करेंगी आँखें

ओ यार मेरे मुझको तस्वीर अपनी दे जा
तन्हाइयों में उससे बातें करेंगी आँखें….!!!

चलो आज
ये दुनिया
बांट लेते हैं;
तुम मेरे
और
बाकी सब
तुम्हारा

इल्तिजा कर रहा हूँ मैं तुमसे यही, नंगे पाँवों गली में न आया करो....
बच के काँटों से
करो तुम क़दम, पैर नाज़ुक है उसको बचाया करो..!!

तुमने मुझको लिखा था जो ख़त प्यार का,
जो भी उसमें लिखा था वो अच्छा लगा
यूँ न नैनो से निंदिया चुराया करो,
आ के सपनों में मुझको सताया करो …..!!!

ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं,
और क्या जुर्म है पता ही नहीं.|
इतने हिस्सों में बँट गयी हूँ मैं,
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं ..|



जाने क्यूँ लोग ख़त लिख़ना भूल जाते हैं ,
लिख्नना तो दूर जवाब देना भूल जाते हैं…

फ़ेर लेते हैं काग़ज़-कलम से मुँह अपना ,
हर्फ़ों का कर्ज़ हर्फ़ से देना भूल जाते हैं …!!!



मैं तो एहसास की एक कंदील हूँ…
जब भी चाहो बुझा लो, जला लो मुझे..!!!

जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे..,
तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने बहुत रुलाया मुझे..|

Sunday, September 29, 2013

तुम ने भी हमें बस एक दिए की तरह समझा था
रात गहरी हुयी तो जला दिया सुबह हुयी तो बुझा दिया

शुभ रात्रि मित्रो
बड़े सलीक़े, बड़ी सादगी, से काम लिया
गिरते गिरते भी खुद को संभाल लिया
हम तो अँधेरे में गुम हो गये होते
अँधेरे में दिया जला के इन्तक़ाम लिया!

ये मत सोचना की तुमने छोड़ दिया तो टूट गये हम,
वो भी जी रहे हैं जिनको तेरी खातिर छोड़ा था हमने..

सुप्रभात मित्रो
डूब कर तैरना जानते है वो जो हमें जिंदगी से डरा रहे है
डर कर बैठे वो किनारों पे जो मौत का खौफ दिखा रहे है

कोई मिल जाए तुम जैसा,. ये ना-मुमकिन है ..
पर तुम ढूँढ लो हम जैसा.. इतना आसान ये भी नहीं .

शुभ रात्रि मित्रो
में तो बदनाम हुयी करके मोहब्बत
तुम तो समझदार हो दूर रहो इससे

बहुत जुदा है औरोँ से मेरे दर्द की कहानीँ
जख्म का कोई निशाँ नहीँ और दर्द की कोई इँतहा नहीँ।

अगर वो पूँछ लें हम से , तुम्हें किस बात का गम है !
तो फिर किस बात का गम है ,अगर वो पूँछ लें हम से ......!!

हम पर जो गुजरी है क्या तुम सुन पाओगे
नाजुक सा दिल रखते हो रोने लग जाओगे,
बहुत दुख दिए हैँ तकदीर और दोस्तो ने
बैठो मेरे पास मोहब्बत भूल जाओगे ।

क्या बताऊ कैसे खुद को दरबदर मैंने किया
उम्र भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया
तू तो नफरत भी न कर पायेगा इस शिद्दत के साथ
जिस बला का प्यार बेखबर तुझसे मैंने किया

जब किसी दिन "वो" मेरे दिल को रिहाई देगा,
मेरे अन्दर कोई तूफान सुनाई देगा,

सुप्रभात मित्रो
कफ़न न डालो मेरे चेहरे पर , मुझे आदत है मुस्कुराने की ,
आज की रात न दफनाओ मुझे यारो , कल उम्मीद है उनके आने की ..!!

फूल बरसे कहीं शबनम कहीं गोहर बरसे
और इस दिल की तरफ बरसे तो पत्थर बरसे.
हम से मजबूर का गुस्सा भी अजब बादल है
अपने ही दिल से उठे, अपने ही दिल पर बरसे

बहुत तमन्ना थी किसीको अपना बनाने की
बहुत तमन्ना किसी का हो जाने की
पता चला जिन्हें हम अपना बनाना चाहते थे
उन्हें आदत ही नही थी किसी को अपना बनाने की

जाते जाते वो हमें ऐसी निशानी दे गया
उम्र भर भुला ना सकू ऐसी कहानी दे गया
हम तो रह गये प्यासे के प्यासे
पर हमारी पलकों को वो पानी दे गया

डुब जाती है कश्तियाँ जब आते है तुफान,
यादे रह जाती है बिछड जाते है इनसान,
याद रखो तो बहुत करीब पाओगे,
भुल जाओगे तो ढुढते रह जाओगे,

न जाने रोज कितनी बेबसी बर्दाश्त करते है
अगर सच पूछिये जिंदगी बर्दाश्त करते है
किसी को क्या खबर हमपे जो गुजरी है मुहब्बत में
लहू के घूँट पीकर आशिकी बर्दाश्त करते है
गमो के मौसमो में चाँद भी कितना अखरता है
की रखकर दिल पर पत्थर चाँदनी बर्दाश्त करते है

लिख्खी हुयी तहरीर मिटा क्यों नही देते
पत्थर हूँ रास्ते से हटा क्यों नही देते
में वो रकम हूँ जिसपे सूद भी नही मिलता
में जोड़ भी नही हूँ घटा क्यों नही देते

न ये हसरत तुम्हारी है , न ये हसरत हमारी है
मुल्क दोनों का है लेकिन फैली कैसी खुमारी है
मुझे हिन्दू बना ड़ाला तुझे मुस्लिम बना ड़ाला
ये अपने देश में फैली सियासत की बीमारी है

तुम्हारी रुसवाई के कुछ पहलु निकलेंगे
मुहब्बत करके देखो आँख से आसू निकलेंगे
अँधेरे में हुकूमत कर रहे है हम
देखना हमारी तरफदारी में जुगुनू भी निकलेंगे

कभी चाहत भरा दिन रात भी अच्छा नहीं लगता
कभी अच्छा तालुकत भी अच्छा नहीं लगता
कभी दिल चाहता है उस की मुट्ठी मे धड़कना
तो कभी हाथों मे उसका हाथ भी अच्छा नहीं लगता

किस बात पर जान खो रहे हो
क्यों मुझ से लिपट के रो रहे हो
क्या कोई तुम्हारा मुमतजिल है
या किसी के हो रहे हो

जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है
सर अगर झुकाव तो सनम खुदा हो जाता है
जब तलक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो ...

मुझको उदास देखकर ज़माने ने ये सवाल किया ,
आखिर कौन है वो जालिम जिसने तेरा ये हाल किया ,

किसने मुहर लगा दी तेरे होंठों पे ख़ामोशी की।
कौन है वो बदबख्त, जिसने तेरा जीना मुहाल किया।।

कितने दूर निकल गये रिश्ते निभाते निभाते
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में
और हम थक गये मुस्कराते मुस्कराते ...!!

सुना है वो हमको भुलाने लगे है
तो क्या हम उन्हें याद आने लगे है


बहुत नजर अंदाज करने लगे हो आजकल तुम .!! बाज आ जाओ ..!!
वरना इन्ही नजरो से ढूंढते रह जाओगे ...!!!!!

तेरे साथ रहने पे बस नही तुझे भूलना भी मुहाल है
में कहा गुजारू ये जिन्दगी मेरे सामने ये सबाल है

यारो के बिच याराना सिख गए !
थोरा सुर लगाया और तराना सिख गए !!
सब कुछ ठीक था अपने जिंदगी में...!
गलत तो तब हुआ जब दिल लगाना सिख गए !!

मैं कोशिश तो बहुत करती हूँ उसको जान लूं लेकिन
वो मिलने पर बड़ी कारीगरी से बात करता है

कागजी फूलो में खुशबू तो नही होती है
इत्र उनपर भी छिडक दो तो महक जाते है
तुम अगर कीमती हीरा हो तो रातों में मिलो
धूप में तो कांच के टुकडे भी महक जाते है

अगर दिया बनू तो पतंगा नसीब हो मुझको
नहाना चाहू तो गंगा नसीब हो मुझको
मेरी तमन्ना अगर है तो बस ये है
कि यू मरुँ की तिरंगा नसीब हो मुझको

विश्वास एक छोटा शब्द है जिसके मायने बहुत है पर मुश्किल ये है की लोग "विश्वास पर शक करते है" और अपने " शक पर विश्वास करते है "

" नज़र जब तक संभलती है , नज़ारे छूट जाते हैं,
कभी हाथों में आकर भी सहारे छूट जाते हैं,
कभी जिनके बिना, कहते हैं ये जीवन नहीं जीवन,
समय करवट बदलता है, वो प्यारे छूट जाते हैं!"

कोई मंजिल नही जंचती सफ़र अच्छा नही लगता
घर लौट भी आऊ तो घर अच्छा नही लगता
करू कुछ भी दुनिया को अब सब अच्छा ही लगता है
पर मधुर को अव तेरे बिना कुछ भी अच्छा नही लगता

बिछड़ के तुमसे हमारा अजीब हाल रहा
तुम्हारे बाद भी जिन्दा है ये कमाल रहा
सजा कबूल है लेकिन खता हुई क्या
हमारे लव पे हमेशा ही ये सबाल है

Saturday, September 14, 2013

उनको शक हुआ मेरी वफा पर ?
और वो मुझे छोड चले।
मुझे विश्वास था उनकी मोहब्बत पर और हम उनके लौटने का आज तक इन्तजार करते रहे।

अरसा बीता ज़िन्दगी बीती सब कुछ बीता लेकिन फिर भी,
जो इश्क में बीती वो इश्क जाने या वो जाने जिस पर बीती...

दोस्त मिलते हैं यहाँ दिल को दुखाने के लिए,,
उँगलियाँ रखते हैं वो हम पे उठाने के लिए,,

रोये हैं बहुत तब ज़रा क़रार मिला है,,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,,

गुज़र रही है जिंदगी इम्तहान के दौर से,,
एक ख़त्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला है,,
मेरे दामन को खुशियों का नही म़लाल,,

गम का खज़ाना जो इसको बेशुमार मिला है,,
वो बदनसीब हैं जिन्हें महबूब मिल गये,,
मैं खुशनसीब हूँ ,मुझे इंतज़ार मिला है।।।।


खुशियां कम और अरमान बहुत हैं,
जिसे भी देखिए यहां हैरान बहुत हैं,,

करीब से देखा तो है रेत का घर,
दूर से मगर उनकी शान बहुत हैं,,

कहते हैं सच का कोई सानी नहीं,
आज तो झूठ की आन-बान बहुत हैं,,

मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं,,

तुम शौक से चलो राहें-वफा लेकिन,
जरा संभल के चलना तूफान बहुत हैं,,

वक्त पे न पहचाने कोई ये अलग बात,
वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत हैं।।।


"उसको मिल गए ख्वाहिश के मुताबिक अमीर,
मेरे अरमानो की कातिल निकली गरीबी मेरी"..


तुझे, ज़िन्दगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए, तुझे भूल जाना भी मुश्किल है !!

हम अपने आंसुओ को चुन रहे है ?
सितारे किस लिए जल भुन रहे है ?


होंठो पर लाकर मधुर मुस्कान
स्वीकार करो मेरा प्रणाम ........शुभ प्रभात जी


कह दू तुम्हेँ . . .या चुप रहु . . .
दिल मे मेरे आज क्या है . . . .?


खुद ही दिल का रोग लगाये , खुद ही बैठा रोये ,
नैना रे नैना तुझसे बुरा न कोए ....


राह देखा करेगा सदियों तक,
छोड़ जाएंगे यह जहां तन्हा

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता,
धज्जी-धज्जी रात मिली।
जिसका जितना आंचल था,
उतनी ही सौग़ात मिली।।
जब चाहा दिल को समझें,
हंसने की आवाज़ सुनी।
जैसे कोई कहता हो, लो
फिर तुमको अब मात मिली।।
बातें कैसी ? घातें क्या ?
चलते रहना आठ पहर।
दिल-सा साथी जब पाया,
बेचैनी भी साथ मिली।।



सर पे जिम्मेदारियों का बोझ है, भारी भी है।
डगमगाते पाँवों से लेकिन सफर जारी भी है।

तलफ्फुजों की जिरह और बयान के झगड़े।
गजल की जान न ले लें जबान के झगड़े।।

जब धूप का समन्दर कुल आसमान पर है।
ऐसे में, इक परिन्दा पहली उड़ान पर है।।

या रब तू ही बचाना आफत सी जान पर है,
फिर तीर इक नजर का तिरछी कमान पर है।

उस पार से मुहब्बत आवाज दे रही है,
दरिया उफान पर है दिल इम्तिहान पर है।

 सत्य प्रकाश  से भले ही वाकिफ न हो जमाना,
गजलों का उसकी चर्चा सबकी जुबान पर है।

ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
महोब्बत का गम दिल पे उठाऐ हुऐ हैं,
खिलौना समझ कर हम से ना खेलो,
हम भी उसी खुदा के बनाऐ हुऐ हैं..

दिल में तमनाओं को दबाना सीख लिया,
गम को आँखों में छिपाना सीख लिया,
मेरे चहरे से कहीं कोई बात जाहिर ना हो,
दबा के होंठों को हमने मुस्कुराना सीख लिया..

बहुत चाहेंगे तुम्हे, मगर भुला ना सकेगे,
ख्यालों में किसी ओर को ला ना सकेंगे,
किसी को देखकर आँसु तो पोंछ लेंगे,
मगर कभी आपके बिना मुस्कुरा ना सकेंगे..

पास होते तो अपने पास बिठाती तुमको,
रख के दिल पे हाथ धडकन सुनाती तुमको,
और जो तुम सकुन की आरजू करते,
रखते सिर गोद में और सुलाती तुमको..


न कर गुमां बन्दे तूँ, अपने हुस्न ओ जवानी का,
तेरी जिंदगी क्या, फक्त एक बुलबुला है पानी का।

ये तेरी चन्दन सी देह भी, माटी में मिल जायेगी,
सब यहीं रह जायेगा, बस तेर नेकी साथ जायेगी।...

Tuesday, September 10, 2013

कुछ हिंदी के कठिन शब्द

  नवरात्र के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक
शुभकामनाएं

जयकारा शेरावाली दा , बोल सांचे दरबार की...............जय
सुप्रभात,जय माता दी प्रिय मित्रगण......!!!
मैं कामना करता हूं कि आप सभी पर सदैव मां भगवती की कृपा और आशीर्वाद बना रहे। नवरात्री के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
जय माता दी !!आप सबको सपरिवार 'शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभ कामनाए


ऊंगली उठा तो दी मगर यह भी हकीक़त देख ली,
एक थी उसकी तरफ, तो खुद की जानिब तीन थ

सभी प्यारे दोस्तों को मेरा नमस्कार !!
जय हिन्द ''मित्रों'' सदा मंगलमयी रहे आप सबका ये पावन जीवन !!
वन्दे मातरम्
श्रद्धांजलि अर्पित करें!!
राक्षस ढोंगी
वॉशरूम
उत्तेजक मुद्रा
कोई पुण्य  क्रूर हो. ठाणे




 मैं आज भी
रो देती हूँ ,

वो कहते हैं
मुस्कुराने के बाद......!!


मुझमें हैं अवगुण दोष हज़ार फिरभी करते हो मुझे इतना प्यार

अधिक से अधिक मित्रों जोड़ना कला नहीं है , लेकिन उन्हें मेरे साथ संतुष्ट या खुश करना , यह एक कला है

मोहब्बत करने वालों को इनकार अच्छा नहीं लगता
इस दुनिया के बाशिंदों को इकरार अच्छा नहीं लगता
जब तक लड़का भगा नहीं ले जाए लड़की को
तब तक लोगों को प्यार सच्चा नहीं लगता!


ऐ दिल किनारें को किनारा ना समझ,
ऐ दिल सहारें को सहारा ना समझ \
बारिश आने पर किनारें टूट जाते हैं,
मुसीबत आने पर सहारें छुट जाते हैं

मेरे हाथों की लकीरों के इज़ाफ़े हैं गवाह …
मैं ने पत्थर की तरह ख़ुद को तराशा है बहुत ..!!!

मोहब्बत को खेल बनाये फिरते हैं,
आज एक से, कल दूसरे से दिल लगाये फिरते हैं,
दुनिया किस राह पे निकल चुकी है अब,
रोज एक नया महबूब बनाये फिरते हैं।
दिल नही, कोई बाज़ार हो जिस तरह,
जाने क्यूँ लोग खुद को खरीददार बनाये फिरते हैं


दोस्त भी गैरों की अदा सीख गये है'
आते है मगर दील को दुखाने नहीं आते...


बस इक हाँ के इन्तजार में,
रात यूँ हीं गुजर जायेंगी..!
अब तों बस उलझने हैं साथ मेरें ,
निन्द कहाँ आयेंगी.


"लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है
कोई करता है तो इल्जाम देते है
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है"

डर लगता है..की कहीं बोल दे हम तो
गायब न हो जाये वो..कम से कम
देख तो पाते है.इसी बहाने उसको
पल दो पल...ही सही..हार्दिक स्वागतम..सर झुका के..

"खामोश गुजर जाते हैं वो करीब से
सवाल उठते हैं अजीब से
वो खफा हैं या उनकी अदा है
शिकायत भी क्या करे अपने नसीब से"


नींद आये तो सो जाया करो,
यूँ जागने से मोहबत लौटा नही करती !!

**********************

बेइज्जती' और 'बीवी' एक जैसी होती है! अच्छी तभी लगती है जब दूसरे की हो

*********************

जरा सख्त लहजे में बात कर , जरा बेरुखी से पेश आ ,
मैं उसी नजर से तबाह हुआ , मुझे यूँ न देख प्यार से .....

****************************

मेरी दुआ मै आपका ज़िकर सदा रहेगा ,
आपकी ज़िन्दगी मे ख़ुशी हो या गम मेरा साथ सदा रहेगा ,
भले ही हम दूर ही सही ,
पर ये रिश्ता सदा रहेगा …….

**************

सौ बार मरना चाहा , निगाहों में डूब कर उनकी ,
फिर वो निगाहें झुका लेते है , हमें मरने नहीं देते




आदरणीय जनों को मेरा सादर प्रणाम..
सुप्रभात.,शुभदिन.,शुभ हरपल..
सभी का शुभ हो मंगल हो ...!!

""देखी जो मेरी नब्ज़ तो एक लम्हा सोचकर ...???
हकीम ने लिया कागज और" फेसबुक" का बीमार लिख दिया .""...


**********************

हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन,
अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को....!!


**************************

प्यार से डंडा भी मारो तो होली लगती है
गुस्से से हाल भी पूछो तो गोली लगती है
अपनो के लिए कोई भी अंदाज चलता है
याद में गिरा दो आंसू भी समन्दर लगता है ..

*******************

लोग कहते हैं जिन्दा रहे तो फिर मिलेंगे,
मैं कहती हूँ मिलते रहे तो जिन्दा रहेंगे.......

*****************

जिन्दगी की उदास रातोँ मेँ,
इक दीया अब भी टिमटिमाता है।
ऐ-वक़्त! करदे उसे भी गुल,
ढल चुकी रात, अब कौन आता है?

*********************

अपनी मोहब्बत पे फ़क़त इतना भरोसा है
मेरी वफायें तुझे किसी और का होने नहीं देंगी...

***************
खाने को ग़म, पीने को आंसू, बिछाने को चाहें, ढकने को आहें ..
शायर की झोपडी में किस चीज़ की कमी है ?

********************
विश्वास की एक डोरी है फेसबुक;
विश्वास के बिना कोरी है फेसबुक;
कभी थैंक्स तो कभी सॉरी है फेसबुक;
ना मानो तो कुछ भी नहीं;
पर मानो तो सब की भी कमजोरी है फेसबुक

*******************

"मेरी वफाए याद करोगे .
रोओँगे . . .फरियाद करोगे .

*********************

याद एक चिड़िया है!
क्या तुम तक पहुंचती है इसकी आवाज?

***************

अब तो आँखों में समाती नहीं, कोई सूरत,
गौर से मैंने उसे, काश न देखा होता......!!

************************

मैने उनसे क्या करी, हंस कर के दो बात !
घर पर ले कर आ गया , वो मेरे बारात !!

********************

उसे ये कौन समझाये
खुशी के एक आंसू से
समन्दर भर भी जाते है
बहुत खामोश रहने से
ताल्लुक मर भी जाते है

*****************

फ़ेसबुक के फ़ायदे -

1) सड़को पर झगड़े बंद हो गये, अब
पेज और ग्रुप में गाली गलौच
होती है.

2) प्रेमी युगल गार्डेन के बदले
फ़ेसबुक में मिलते हैं.

3) किस के बदले Muwaahhh
का इस्तेमाल होता है.

4) नये दोस्त फ़ेसबुक में बनते हैं.

5) गर्ल फ़्रेंड फ़ेसबुक पर
खोजी जाती है

6) सामाजिक और राजनैतिक चर्चा नुक्कड़ पर चाय वाले के
स्थान पर फ़ेसबुक पेज में होती है.

7) लड़के सड़को के स्थान पर
फ़ेसबुक पेज में लड़कीयो को छेड़ते
हैं.

ज़ोर से हँसने के स्थान पर LOl, ROFL का इस्तेमाल
किया जाता है.

9) जन्मदिन फ़ेसबुक पर
मनाया जाता है, और अंजान
मित्रों द्वारा भी शुभकामनायें
दी जाती हैं.

10) माँ-बाप के लिये समय
नहीं होता लेकिन 'I Love Mom-

हिंदी शायरी

मे वो सूरज हूँ न डूबेगी कभी जिस की किरण
रात होगी तो सितारों में बिखर जाऊँगा !!!

**************

फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।।

*********************

तुम ने ठीक कहा था उस दिन...-प्यार चाँद-सा ही होता है....
और नहीं बढ़ने पाता तो... धीरे-धीरे ख़ुद ही घटने लग जाता है

*****************

ये तो बड़ा मुझ पर..अत्याचार हो गया
खामख्वाह मुझे...तुझसे प्यार हो गया

***************

स्त्री प्रेम करने के लिए है उसे प्रेम करने दो,,
पुरुष कर्म करने के लिए है उसे कर्म करने दो..

*******************

खुशनसीब हैं वो जो दिल मे किसी को जगह देते हैं.
बेचैनी सहकर भी दूसरों को हंसना सिखा देते हैं.
दुनियावाले लाख चाहें बदनाम उन्हें कर लें.
मगर वो अपनी सादगी से हर दिल में जगह बना लेतें हैं...

*****************

इस दुनिया से चले जाने के बाद हम तुम्हे ,
हर एक तारे में नज़र आया करेंगे ,
तुम हर पल कोई दुआ मांग लेना ,
और हम हर बार टूट जाया करेंगे .

*******************

''...रूठना मत मुझे मनाना नहीं आता

दूर मत जाना मुझे बुलाना नहीं आता

तुम भूल जाओ तुम्हारी मर्ज़ी

मगर मैं क्या करूं,

मुझे तो भूल जाना भी नहीं आता...

***************

और भी बनती लकीरें दर्द की शायद कई
शुक्र है तेरा खुदा जो हाथ छोटा सा दिया
तूने जो बख्शी हमें बस चार दिन की ज़िंदगी
या ख़ुदा अच्छा किया जो साथ छोटा सा दिया.....

********************

बहाना क्यूँ तलाश करते हो
मसरूफ होने का
बस इतना कह दिया करो
अब दिल में जगह नहीं

*************

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में.
दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़...

*****************

जल्दबाजी में शादी कर के .... सारा जीवन बिगाड़ लोगे
और सोच समझ के करोगे .... तो कौन सा तीर मार लोगे ?????

*******************

हमारे गिरते हुए आँसू पकड कर तो देख,
वो भी कहते हैं हम आपके बिना रह नही सकते.

******************

जिंदगी एक अभिलाषा है
अजब इसकी परिभाषा है
जिंदगी क्या है मत पूछो यारो
सवर गई तो जन्नत
और बिखर गई तो तमाशा है .....शुभ संध्या मित्रो

*****************

हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है जान
तुझे चाहा इसलिए कि शायद तेरी फितरत बदल जाये.

*****************

इश्क कि राह में दम निकले तो निकलें यारों
सलामत रहे मेरा भी जनाजा जालिमो के आगे.

*********************

मुद्दत हुए मिला नही यार -दोस्तोँ से ,
शायद इसीलिए सब अधूरा- अधूरा सा लगता है।

*********************

तुम्हारी हिचकियाँ बयाँ कर रही हैं हाजिरी मेरी
बस इतना तो बता दो, कब हम जुबाँ पे होंगे ?

*********************

जो रिश्तो को निभाने का किया करते हैं दावा ..................
उन्हें ही वादा खिलाफत करते देखा है.....

***********************

इस दुनिया से चले जाने के बाद हम तुम्हे ,
हर एक तारे में नज़र आया करेंगे ,
तुम हर पल कोई दुआ मांग लेना ,
और हम हर बार टूट जाया करेंगे .

*******************

खुदा की रहमतों का जिक्र करते हैं इन्सां सभी
मगर इन्सानियत की कद्र करता नहीं हर कोई !

****************

बड़ी मुश्किल से सुलाया है ख़ुद को मैंने,
अपनी आंखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर.

********************

देखो, दस तक गिनूंगा।
आओ, तो ठीक,
वरना, फिर से गिनूंगा।

*********************

मैनें कई बार
कोशिश की है
तुम से दूर जानें की,
लेकिन
मीलों चलनें के बाद
जब मुड़ कर देखता हूँ
तो तुम्हें
उतना ही करीब पाता
हूँ |

**************

थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ।
ये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँ।
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें,
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ .

********************

तुम्हें ग़ैरों से कब फुर्सत हम अपने ग़म से कब ख़ाली
चलो बस हो चुका मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली

***************

हे री मैं तो प्रेम-दिवानी, मेरो दरद न जाणै कोय ॥

***********************

सुप्रभात दोस्तों .......
उड़ने दो इन परिंदों को आज़ाद फिजाओ में,
अपने होगे तो लौट आयँगे किसी रोज....!!

*******************

शुभ संध्या, दोस्तो
रूठ जाते है शब्द भी, अपने गलत इस्तेमाल पर
देखा है हमने शब्दों को भी, अक्सर नाराज़ होते हुए !!

****************

वो जब याद आये
बहुत याद आये !

***************

तू अगर मुझे नवाज़े तो तेरा करम है मेरे "मालिक" !!
वरना तेरी रहमतों के काबिल मेरी बंदगी नहीं !!

****************

ये भी गया सब ही जाते हैं
फिर जाने हम क्यूँ पछिताते हैं
मरते हैं लोग हर दिन कीड़ों की तरह
याद वही रहते हैं जो कुछ कर जाते हैं .

********************

आदाब-ऐ-मुहब्बत भी अजब है दोस्तों;
दो दिल मिलनेको राजी है
लेकिन यह तकल्लुफ है;
की वो पहला इशारा कौन करे?

********************

-अजीब से फासले हैं तेरे-ओ-मेरे दरमियाँ-
पास तुम रहती नहीं और दूर भी जाती नहीं .

*******************

पति जो बहुत काला था पत्नी से बोला: मैं जैसा भी हूँ पर बच्चा अच्छा होना चाहिए॰

पत्नी ने कहा: सोच लो......,

अपना चाहिए या अच्छा चाहिए..

*****************

अजीब कशमकश थी कि जान किसको दे
वो भी आ बैठे थे और मौत भी.

****************

परेशां हूँ कि परेशानी नही जाती ।
बचपन तो गया पर नादानी नही जाती

******************

इल्ज़ामों से बेहतर खामोश रहना ,
लगा लिए हैं ताले जज़्बात पर !

*******************

बस एक बार निकाल दो इस इश्क से ऐ खुदा ,
फिर जब तक जियेंगे कोई खता न करेंगे .....

****************

न जाने कितने काँटों की चुभन लेकर
...एक लाल गुलाब मुस्कराता है !!

****************

" मैं ताक रहा.. उस को.. वो झांक रहा.. मुझ को..
इस ताक - झांक.. में ही.. ज़िन्दगानी गुज़र गई ... "

*******************

तरस जाओगे हमारे लबो से सुनने को एक एक लफ़्ज;
प्यार की बाते तो क्या हम शिकायत भी नही करेंगे...

************************

ये तो बड़ा मुझ पर..अत्याचार हो गया
खामख्वाह मुझे...तुझसे प्यार हो गया

*********************

गीली लकड़ी कि तरह रात भर सुलगीं यादें ,
रात भर धुँआ बहता रहा आंसू बनकर...!

*******************

फेसबुक के दीवानों सुन लो एक दिन ऐसा आएगा |
कम्प्यूटर और मोडम तेरा यहीं पड़ा रह जाएगा |
पासवर्ड अपना भूल जाएगा ,ढूदेगा फिर गली गली ,
लेलो रे कोई फेसबुक का प्यारा ,राम नाम है सब से भली ||
क्या करता है मेरी मेरी यह तेरा लैपटाप नहीं ,
झूठे फेसबुक पर फंसा हुआ है वो सच्चा इन्सान नहीं
दो दिन का नेट पर डेरा है ,अंत में होगी चला चली ,
ले लो रे कोई फेसबुक का प्यारा ,राम नाम है सबसे भली |
जिसने राम की माला पकड़ी वे तो मालामाल हुए ,
इन्टरनेट का बिल भर भर के नेट वाले कंगाल हुए ,
फेसबुक ट्विटर वालो सुन लो बात सुनाऊ खरी खरी
ले लो रे कोई फेसबुक का प्यारा राम नाम है सबसे भली |

*********************

मेरे सभी लिखने वाले दोस्तों के नाम ...
लिखो तो पैगाम कुछ ऐसा लिखो
के कलम भी रोने को मजबूर हो जाये
हर लफ्ज में वो दर्द भर दो की
पढने वाला प्यार करने पर मजबूर हो जाये.

*******************

आपकी हंसी बहुत प्यारी लगती है;
आपकी हर ख़ुशी हमें हमारी लगती है;
कभी दूर ना करना खुद से हमें;
आपकी दोस्ती हमें जान से भी प्यारी लगती है।

*******************

गुलाब मुहब्बत का पैगाम नहीं होता
चाँद चांदनी का प्यार सरे आम नहीं होता
प्यार होता है मन कि निर्मल भावनाओं से
वर्ना यूँ ही राधा-कृष्ण का नाम नहीं होता.

***************

बड़े अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग
दोस्त बन जाते हैं.
मिलने की खुशी दें या न दें,
बिछड़ने का गम जरुर दे जाते हैं...!!

***************

मुड़कर भी ना देखा एक बार, जाते हुये उसने,
एक ना सुनी इस दीवाने की,
अब तो आदत सी हो गई है मुझको,
हर गम को छुपाने की.........

*****************

होंठों पर "मुस्कान" हर मुश्किल
कार्य को आसान कर देती है l

******************





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रास्ता सुझाई देता है,
न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं,
न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत ने
आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में,
तेरी सूरत दिखाई देती है

**************************
सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,
सारी मेहफिल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा ..

******************
जनाजा मेरा उठ रहा था,
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में!
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है दफनाने में?

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मिलना इतिफाक था बिछरना नसीब था ..
वो तुना हे दूर चला गया जितना वो करीब था ..
हम उसको देखने क लिए तरसते रहे …
जिस शख्स की हथेली पे हमारा नसीब था

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दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो,
नफ़रत उन से करो जो भूलना जानते हो,
ग़ुस्सा उन से करो जो मानना जनता हो,
प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जनता हो..

*******************************
धोखा दिया था जब तूने मुझे. जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था….

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पास आकर सभी दूर चले जाते हैं, हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं, दिल का दर्द किससे दिखाए, मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं.

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कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं कोई बेवफा नही होता, टटोल कर देखो अपने दिल को हर फासला बेवजह नहीं होता….
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तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने ,
तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने ,
मत सोच के हम भूल गए है तुझे ,
आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे

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आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा`

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शिकायत है उन्हें कि,
हमें मोहब्बत करना नही आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है,
पर इसे शिकायत करना नहीं आता

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यादों की किम्मत वो क्या जाने,
जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं…

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प्यार वो हम को बेपनाह कर गये,फिर ज़िनदगीं में हम को,
तन्नहा कर गये, चाहत थी उनके इश्क में,फ़नाह होने की,
पर वो लौट कर आने को,भी मना कर गये..

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मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी
मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा…..
आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है
तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा……
मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी
तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा….
सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं
उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा…

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अपने जज्बात को,
नाहक ही सजा देती हूँ…
होते ही शाम,
चरागों को बुझा देती हूँ…
जब राहत का,
मिलता ना बहाना कोई…
लिखती हूँ हथेली पे नाम तेरा,
लिख के मिटा देती हूँ..

***********************
जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये ॥

***********************
ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है ॥

***********************
प्यार  कमजोर  दिल  से  किया  नहीं  जा  सकता ,
ज़हर  दुश्मन  से  लिया  नहीं  जा  सकता,
दिल  में  बसी  है  उल्फत  जिस  प्यार  की
उस  के  बिना  जिया  नहीं  जा  सकता.

*************************
देख मेरे प्यार की गहराइयों में;
सोच मेरे बारे में तन्हाइयों में;
अगर हो जाये मेरी चाहत का यकीन;
तो पाओगे, मुझे अपनी परछाइयों में!

**********************
दिल जित ले वो नजर हम भी रखते है,
भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है,
यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना आँखों में समंदर हम भी रखते है|

******************************
 बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद

*****************************
“कभी चाहा तुझे ऐसा की रब जैसा पूजा, किस जगह मैने तुझे पुकारा नही,
यु दर्द देकर क्या मिला तुजे? कह देते की तुमसे मिलना अब गँवारा नही”

****************************
 अपनो को दूर होते देखा ,
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हे फ़िज़ूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा!

**************************
मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला......
हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला.......
लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से

 और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला

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में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना !
में उसके गम में शरीक हूँ
पर मेरा गम न उसे बता देना,
जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
शक में न बहा देना !

***************************
जीना चाहता हूँ मगर जिनदगी राज़ नहीं आती,
मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती,
उदास हूँ इस जिनदगी से,
क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती

***********************
 चल मेरे हमनशीं चल अब इस चमन मे अपना गुजारा नही,
बात होती गुलोँ तक तो सह लेते हम अब तो काँटो पे हक़ भी हमारा नही”

******************************
 ऍ जालिमो अपनी किस्मत पे इतना नाज ना करो.
वक्त तो बदलता ही रहता है,
वो सुनेगा यकीँनन सदाऐँ ” अकेले की,
क्या खुदा सिर्फ तुम्हारा है, हमारा नही?

************************
अपनों से दूर है अपनों की तलाश ,
ज़िन्दगी से दूर है ज़िन्दगी की तलाश ,
मैं अपने आप को कभी समझ नहीं पाया ,
कि मैं जी रहा हूँ ज़िन्दगी

**********************

 उनको शक हुआ मेरी वफा पर ?
और वो मुझे छोड चले।
मुझे विश्वास था उनकी मोहब्बत पर और हम उनके लौटने का आज तक इन्तजार करते रहे।

*****************************
 अरसा बीता ज़िन्दगी बीती सब कुछ बीता लेकिन फिर भी,
 जो इश्क में बीती वो इश्क जाने या वो जाने जिस पर बीती..

*******************************
महोब्बत को जब लोग खुदा मानते हैं..
 तो प्यार करने वालो को क्युँ बुरा मानते है.
 जब जमाना ही पत्थर दिल है..
 तो फिर पत्थरों से लोग क्युँ दुआ माँगते है.

********************************
  दोस्त मिलते हैं यहाँ दिल को दुखाने के लिए,,
उँगलियाँ रखते हैं वो हम पे उठाने के लिए,,

क्या कसूर उनका है ये रस्म चली आई है
तोहमते होती ही हैं दुनियां में लगाने के लिए,,.

************************
 रोये हैं बहुत तब ज़रा क़रार मिला है,,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,,

गुज़र रही है जिंदगी इम्तहान के दौर से,,
एक ख़त्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला है,

 मेरे दामन को खुशियों का नही म़लाल,,

गम का खज़ाना जो इसको बेशुमार मिला है,,
वो बदनसीब हैं जिन्हें महबूब मिल गये,,
मैं खुशनसीब हूँ ,मुझे इंतज़ार मिला है।।।।

**************************
 अच्छे – बुरे की जिसे पहचान हो जाए
  कसम से वो आदमी इंसान हो जाए

*************************
 खुशियां कम और अरमान बहुत हैं,
जिसे भी देखिए यहां हैरान बहुत हैं,,

करीब से देखा तो है रेत का घर,
दूर से मगर उनकी शान बहुत हैं,,

कहते हैं सच का कोई सानी नहीं,
आज तो झूठ की आन-बान बहुत हैं,,

मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं,,

तुम शौक से चलो राहें-वफा लेकिन,
जरा संभल के चलना तूफान बहुत हैं,,

वक्त पे न पहचाने कोई ये अलग बात,
वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत हैं।।

**************************
हम आ रहे हैं आपके घर स्वागत नहीं करोगे।।
 _/\_ _/\_
 ^ श्री गणेश चतुर्थी की सभी को शुभकामनाएं ^

 ****************************
सुप्रभात मित्रजनो ...
 आपका दिवस मंगलमय हो ...

***************************
 स्वागत है मित्रों की टोली में
**************
   जीना कोई मुश्किल तो नहीं
 बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए.

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 रात को चुपके से आता है एक "फरिश्ता",

कुछ खुशियों के सपने लाता है "फरिश्ता".

कहता है- सपनों के आगोश में खो जाओ,

भूल के सारे गम चुपके से आ जाओ..!!! (अच्छा दोस्तों- शुभ रात्रि).

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 सब कुछ बदल गया है उस के आने से
 हिम्मत आ गई उस के समझाने से
 फसा मै जब भी उस ने संभाला है
 मिले न उस जैसा , वो सब से निराला है
 जब जब दिल यह उदास होता है
 मेरा मुरली वाला मेरे पास होता है

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 हो गई है शाम चलो लौट चलें घर,
 प्यारा पिता बुलाता,
 पूरा हुआ सफर..

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 दिन तो कट जाता है शहर की रौनक में ........
 कुछ लोग बहुत याद आते हैं दिन ढल जाने के बाद ...!!!

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 अज़ब माहौल है मेरे मुल्क का...
 मज़हब थोपा जाता है,
 इश्क रोका जाता है

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 पराजय तब नही होती जब आप गिर जाते हैं,
 तब होती है जब आप उठने से इनकार कर देते हैं

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 नफरत है तो कह देते हमसे,
 गैरों से मिल कर दिल क्यों जलाते हो.

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 क़माल हो गया ........क़माल हो गया
 एक कुत्ते को गाली दी और नेता नाराज हो गया.

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 मैं उसको भूल जाऊं....कैसी बातें करते हो. " योगेश "
 सूरत तो फिर भी सूरत......वो नाम भी अच्छा लगता है...
 .सुप्रभातम ....आप का आज का दिन शुभ व् मंगलमय हो..

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 "इश्क गरम चाय कि तरह है और
 दिल पारले जी बिस्कुट
 कि तरह ... हद से
 ज्यादा डुबाओगे तो टूट
 जाएगा...."

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 उठ गयी यारों की महफ़िल
 हो गयी तनहाईयाँ ...।।।

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 तुझे, ज़िन्दगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए, तुझे भूल जाना भी मुश्किल है !!

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 तलाश करते रहे जब तलक मिले वो नहीं,
तलाश छोड़ दिया फिर तो बार बार मिले॥

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 बड़ी मुद्दत से चाहा हे तुम्हे
बड़ी दुओं से पाया हे तुम्हे
तुझे भुलाने का सोचु भी कैसे
किस्मत की लकीरों से चुराया हे तुम्हे

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 चमक तो रहे हैँ आसमाँ मेँ सारे के सारे तारे
 "चाँद" भी होता तो मुस्कराता कर कर इशारे..

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"जिद्दी लोग है 'साहब' मेरे शहर के,

 जो बिका नहीं,खरीद लिया जाता है"

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 ज़िन्दगी यूँ तो मुकम्मल है तेरे बिन,
फिर क्यों लगता है हमेशा कि कुछ खो गया.

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 ख़्वाब देखना हमारी आदत है और ख़्वाब तोड़ना उनकी फ़ितरत,
 न हम अपनी आदत से बाज आतें हैं और न वो अपनी फ़ितरत से....

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 कहते हैं के, मोहब्बत एक बार होती है, पर मैं जब जब उसे
 देखता हूँ, मुझे हर बार होती है.....

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 ऐ इश्क . . .
 जरा एक बात तो बता -
 क्या सब को आजमाते हो ?
 या मेरे साथ दुश्मनी है तेरी .

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  ज़िन्दगी ये मन की काँटों भरा सफ़र हे
इससे गुजर जाना ही असली पहचान हे
बने बनाये रस्ते पर तो सब ही चलते हे
खुद रस्ते जो बनाये वही तो इंसान हे

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 हमको उनसे अभी भी प्यार है,
आँखों में नमी और दिल में इंतज़ार है,
लोट कर आयेंगे वो कभी न कभी,
अपनी वफ़ा पे दिल को पूरा ऐतबार है,

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 मुझको अपने गले लगा लो ऐ मेरे हम राही ,
 तुमको क्या बतलाएं हम की तुमसे कितना प्यार है ,,,,,

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 हँस सको जितना खुलकर हँसा करो,
 न जाने क़यामत किस द्वार पर खड़ी हो !

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 दूसरे का दर्द देख लो तो
 अपना दर्द भूल जाओगे
 दुनिया में कौन सुखी है
 हर दिल में दर्द ही पाओगे.

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"बहुत दूर तक जाना पड़ता है ,
  सिर्फ यह जानने के लिए,
 नज़दीक कौन है"

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 लबों पे आज उनका नाम आ गया,
 प्यासे के पास जैसे जाम आ गया..
 डोले कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे जा कर,
 आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया

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 कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,
 हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो...

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कोई नामुमकिन सी बात मुमकिन करके दिखा.
 खुद पहचान लेगा जमाना तुझे..... तू भीड़ में भी अलग चल कर दिखा.....

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लग जा गले कि,
 फिर ये हसीं रात हो ना हो.....
 शायद फिर इस जनम में....
 मुलाकात हो ना हो .....

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 ऐ मोहब्बत
 तुझे पाने की
 कोई राह नहीं. . .
 तू सिर्फ उसे ही
 मिलती है जिसे
 तेरी परवाह नहीं. . . .
  ये एक कड़वा सच है. . .मोहब्बत करने वालों के लिए. . .

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 मुझे इतना याद आकर बे -चैन न करो तुम,
 एक यही सितम काफी है की साथ नहीं हो तुम.