Tuesday, September 10, 2013

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रास्ता सुझाई देता है,
न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं,
न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत ने
आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में,
तेरी सूरत दिखाई देती है

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सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,
सारी मेहफिल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा ..

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जनाजा मेरा उठ रहा था,
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में!
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है दफनाने में?

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मिलना इतिफाक था बिछरना नसीब था ..
वो तुना हे दूर चला गया जितना वो करीब था ..
हम उसको देखने क लिए तरसते रहे …
जिस शख्स की हथेली पे हमारा नसीब था

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दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो,
नफ़रत उन से करो जो भूलना जानते हो,
ग़ुस्सा उन से करो जो मानना जनता हो,
प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जनता हो..

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धोखा दिया था जब तूने मुझे. जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था….

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पास आकर सभी दूर चले जाते हैं, हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं, दिल का दर्द किससे दिखाए, मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं.

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कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं कोई बेवफा नही होता, टटोल कर देखो अपने दिल को हर फासला बेवजह नहीं होता….
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तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने ,
तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने ,
मत सोच के हम भूल गए है तुझे ,
आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे

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आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा`

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शिकायत है उन्हें कि,
हमें मोहब्बत करना नही आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है,
पर इसे शिकायत करना नहीं आता

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यादों की किम्मत वो क्या जाने,
जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं…

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प्यार वो हम को बेपनाह कर गये,फिर ज़िनदगीं में हम को,
तन्नहा कर गये, चाहत थी उनके इश्क में,फ़नाह होने की,
पर वो लौट कर आने को,भी मना कर गये..

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मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी
मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा…..
आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है
तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा……
मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी
तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा….
सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं
उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा…

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अपने जज्बात को,
नाहक ही सजा देती हूँ…
होते ही शाम,
चरागों को बुझा देती हूँ…
जब राहत का,
मिलता ना बहाना कोई…
लिखती हूँ हथेली पे नाम तेरा,
लिख के मिटा देती हूँ..

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जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये ॥

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ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है ॥

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प्यार  कमजोर  दिल  से  किया  नहीं  जा  सकता ,
ज़हर  दुश्मन  से  लिया  नहीं  जा  सकता,
दिल  में  बसी  है  उल्फत  जिस  प्यार  की
उस  के  बिना  जिया  नहीं  जा  सकता.

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देख मेरे प्यार की गहराइयों में;
सोच मेरे बारे में तन्हाइयों में;
अगर हो जाये मेरी चाहत का यकीन;
तो पाओगे, मुझे अपनी परछाइयों में!

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दिल जित ले वो नजर हम भी रखते है,
भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है,
यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना आँखों में समंदर हम भी रखते है|

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 बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद

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“कभी चाहा तुझे ऐसा की रब जैसा पूजा, किस जगह मैने तुझे पुकारा नही,
यु दर्द देकर क्या मिला तुजे? कह देते की तुमसे मिलना अब गँवारा नही”

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 अपनो को दूर होते देखा ,
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हे फ़िज़ूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा!

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मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला......
हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला.......
लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से

 और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला

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में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना !
में उसके गम में शरीक हूँ
पर मेरा गम न उसे बता देना,
जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
शक में न बहा देना !

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जीना चाहता हूँ मगर जिनदगी राज़ नहीं आती,
मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती,
उदास हूँ इस जिनदगी से,
क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती

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 चल मेरे हमनशीं चल अब इस चमन मे अपना गुजारा नही,
बात होती गुलोँ तक तो सह लेते हम अब तो काँटो पे हक़ भी हमारा नही”

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 ऍ जालिमो अपनी किस्मत पे इतना नाज ना करो.
वक्त तो बदलता ही रहता है,
वो सुनेगा यकीँनन सदाऐँ ” अकेले की,
क्या खुदा सिर्फ तुम्हारा है, हमारा नही?

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अपनों से दूर है अपनों की तलाश ,
ज़िन्दगी से दूर है ज़िन्दगी की तलाश ,
मैं अपने आप को कभी समझ नहीं पाया ,
कि मैं जी रहा हूँ ज़िन्दगी

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 उनको शक हुआ मेरी वफा पर ?
और वो मुझे छोड चले।
मुझे विश्वास था उनकी मोहब्बत पर और हम उनके लौटने का आज तक इन्तजार करते रहे।

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 अरसा बीता ज़िन्दगी बीती सब कुछ बीता लेकिन फिर भी,
 जो इश्क में बीती वो इश्क जाने या वो जाने जिस पर बीती..

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महोब्बत को जब लोग खुदा मानते हैं..
 तो प्यार करने वालो को क्युँ बुरा मानते है.
 जब जमाना ही पत्थर दिल है..
 तो फिर पत्थरों से लोग क्युँ दुआ माँगते है.

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  दोस्त मिलते हैं यहाँ दिल को दुखाने के लिए,,
उँगलियाँ रखते हैं वो हम पे उठाने के लिए,,

क्या कसूर उनका है ये रस्म चली आई है
तोहमते होती ही हैं दुनियां में लगाने के लिए,,.

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 रोये हैं बहुत तब ज़रा क़रार मिला है,,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,,

गुज़र रही है जिंदगी इम्तहान के दौर से,,
एक ख़त्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला है,

 मेरे दामन को खुशियों का नही म़लाल,,

गम का खज़ाना जो इसको बेशुमार मिला है,,
वो बदनसीब हैं जिन्हें महबूब मिल गये,,
मैं खुशनसीब हूँ ,मुझे इंतज़ार मिला है।।।।

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 अच्छे – बुरे की जिसे पहचान हो जाए
  कसम से वो आदमी इंसान हो जाए

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 खुशियां कम और अरमान बहुत हैं,
जिसे भी देखिए यहां हैरान बहुत हैं,,

करीब से देखा तो है रेत का घर,
दूर से मगर उनकी शान बहुत हैं,,

कहते हैं सच का कोई सानी नहीं,
आज तो झूठ की आन-बान बहुत हैं,,

मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं,,

तुम शौक से चलो राहें-वफा लेकिन,
जरा संभल के चलना तूफान बहुत हैं,,

वक्त पे न पहचाने कोई ये अलग बात,
वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत हैं।।

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हम आ रहे हैं आपके घर स्वागत नहीं करोगे।।
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 ^ श्री गणेश चतुर्थी की सभी को शुभकामनाएं ^

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सुप्रभात मित्रजनो ...
 आपका दिवस मंगलमय हो ...

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 स्वागत है मित्रों की टोली में
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   जीना कोई मुश्किल तो नहीं
 बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए.

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 रात को चुपके से आता है एक "फरिश्ता",

कुछ खुशियों के सपने लाता है "फरिश्ता".

कहता है- सपनों के आगोश में खो जाओ,

भूल के सारे गम चुपके से आ जाओ..!!! (अच्छा दोस्तों- शुभ रात्रि).

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 सब कुछ बदल गया है उस के आने से
 हिम्मत आ गई उस के समझाने से
 फसा मै जब भी उस ने संभाला है
 मिले न उस जैसा , वो सब से निराला है
 जब जब दिल यह उदास होता है
 मेरा मुरली वाला मेरे पास होता है

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 हो गई है शाम चलो लौट चलें घर,
 प्यारा पिता बुलाता,
 पूरा हुआ सफर..

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 दिन तो कट जाता है शहर की रौनक में ........
 कुछ लोग बहुत याद आते हैं दिन ढल जाने के बाद ...!!!

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 अज़ब माहौल है मेरे मुल्क का...
 मज़हब थोपा जाता है,
 इश्क रोका जाता है

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 पराजय तब नही होती जब आप गिर जाते हैं,
 तब होती है जब आप उठने से इनकार कर देते हैं

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 नफरत है तो कह देते हमसे,
 गैरों से मिल कर दिल क्यों जलाते हो.

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 क़माल हो गया ........क़माल हो गया
 एक कुत्ते को गाली दी और नेता नाराज हो गया.

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 मैं उसको भूल जाऊं....कैसी बातें करते हो. " योगेश "
 सूरत तो फिर भी सूरत......वो नाम भी अच्छा लगता है...
 .सुप्रभातम ....आप का आज का दिन शुभ व् मंगलमय हो..

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 "इश्क गरम चाय कि तरह है और
 दिल पारले जी बिस्कुट
 कि तरह ... हद से
 ज्यादा डुबाओगे तो टूट
 जाएगा...."

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 उठ गयी यारों की महफ़िल
 हो गयी तनहाईयाँ ...।।।

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 तुझे, ज़िन्दगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए, तुझे भूल जाना भी मुश्किल है !!

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 तलाश करते रहे जब तलक मिले वो नहीं,
तलाश छोड़ दिया फिर तो बार बार मिले॥

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 बड़ी मुद्दत से चाहा हे तुम्हे
बड़ी दुओं से पाया हे तुम्हे
तुझे भुलाने का सोचु भी कैसे
किस्मत की लकीरों से चुराया हे तुम्हे

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 चमक तो रहे हैँ आसमाँ मेँ सारे के सारे तारे
 "चाँद" भी होता तो मुस्कराता कर कर इशारे..

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"जिद्दी लोग है 'साहब' मेरे शहर के,

 जो बिका नहीं,खरीद लिया जाता है"

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 ज़िन्दगी यूँ तो मुकम्मल है तेरे बिन,
फिर क्यों लगता है हमेशा कि कुछ खो गया.

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 ख़्वाब देखना हमारी आदत है और ख़्वाब तोड़ना उनकी फ़ितरत,
 न हम अपनी आदत से बाज आतें हैं और न वो अपनी फ़ितरत से....

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 कहते हैं के, मोहब्बत एक बार होती है, पर मैं जब जब उसे
 देखता हूँ, मुझे हर बार होती है.....

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 ऐ इश्क . . .
 जरा एक बात तो बता -
 क्या सब को आजमाते हो ?
 या मेरे साथ दुश्मनी है तेरी .

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  ज़िन्दगी ये मन की काँटों भरा सफ़र हे
इससे गुजर जाना ही असली पहचान हे
बने बनाये रस्ते पर तो सब ही चलते हे
खुद रस्ते जो बनाये वही तो इंसान हे

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 हमको उनसे अभी भी प्यार है,
आँखों में नमी और दिल में इंतज़ार है,
लोट कर आयेंगे वो कभी न कभी,
अपनी वफ़ा पे दिल को पूरा ऐतबार है,

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 मुझको अपने गले लगा लो ऐ मेरे हम राही ,
 तुमको क्या बतलाएं हम की तुमसे कितना प्यार है ,,,,,

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 हँस सको जितना खुलकर हँसा करो,
 न जाने क़यामत किस द्वार पर खड़ी हो !

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 दूसरे का दर्द देख लो तो
 अपना दर्द भूल जाओगे
 दुनिया में कौन सुखी है
 हर दिल में दर्द ही पाओगे.

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"बहुत दूर तक जाना पड़ता है ,
  सिर्फ यह जानने के लिए,
 नज़दीक कौन है"

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 लबों पे आज उनका नाम आ गया,
 प्यासे के पास जैसे जाम आ गया..
 डोले कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे जा कर,
 आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया

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 कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,
 हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो...

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कोई नामुमकिन सी बात मुमकिन करके दिखा.
 खुद पहचान लेगा जमाना तुझे..... तू भीड़ में भी अलग चल कर दिखा.....

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लग जा गले कि,
 फिर ये हसीं रात हो ना हो.....
 शायद फिर इस जनम में....
 मुलाकात हो ना हो .....

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 ऐ मोहब्बत
 तुझे पाने की
 कोई राह नहीं. . .
 तू सिर्फ उसे ही
 मिलती है जिसे
 तेरी परवाह नहीं. . . .
  ये एक कड़वा सच है. . .मोहब्बत करने वालों के लिए. . .

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 मुझे इतना याद आकर बे -चैन न करो तुम,
 एक यही सितम काफी है की साथ नहीं हो तुम.

 

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