Wednesday, October 9, 2013

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घर से बाहर जब निकलती हूँ सिहर जाती हूँ में
माँ ना हो गर साथ मेरे बहुत डर जाती हूँ में
एक सीटी एक बोली एक मैली सी नजर
जब कभी उठती है सौ सौ मौत मर जाती हूँ में

मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि,
कहाँ सीखीं थी ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि..

तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है,
अफ़सोस ये दावा झूठा है ये आंकड़े किताबी है.!!

मरहम न सही एक ज़ख्म ही दे दो..
महसूस तो हो के कोई हमें भूला नहीं !!

घर बना के उसने मेरे दिल में क़यामत कर दी.
ना खुद रहता है ना किसी और को बसने देता है..!!

वो मौजूद है आज भी, इस दिल के कोने में कही,
एक बार इस दिल के करीब, आकर तो देखो,
बहुत मासूम सी सिसकिया ले रहा, ये नादान,
एक बार इस दिल को, दिल से लगा के तो देखो...!!

जी भरके रोते है तो करार मिलता है,
इस जहां मे कहां सबको प्यार मिलता है,
जिंदगी गुजर जाती है इम्तिहानो के दौर से.
एक जख्म भरता है तो दूसरा तैयार मिलता है !!

ना प्यार की इज्जत होती है ना सच्चाई की पूजा होती है
जीने के लिए इस दुनिया में सिर्फ पैसे की जरुरत होती है !!

कहीं अँधेरा तो कहीं शाम होगी;
मेरी हर ख़ुशी तेरे नाम होगी;
कुछ मांगकर तो देख हमसे;
सारी जिंदगी तेरे नाम होगी।

फिजा में महकती शाम हो तुम;
प्यार में झलकता जाम हो तुम;
सीने में छुपाए फिरते हैं हम यादें तुम्हारी;
इसलिए मेरी जिंदगी का दूसरा नाम हो तुम।

वो याद नहीं करते, हम भुला नहीं सकते;
वो हंसा नहीं सकते, हम रुला नहीं सकते;
दोस्ती इतनी खूबसूरत है हमारी;
वो बता नहीं सकते, हम जता नहीं सकते।

खोकर पाने का मज़ा ही कुछ और है;
रोकर मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है;
हार तो जिंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त;
हार के बाद जीतने का मजा ही कुछ और है।

हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे, रास्ता हो जाएगा।

उसकी चौखट को मैंने चूम कर
सजदे में सर को झुका लिया
अपनी दुआओं का क्या हिसाब दूँ
तुझको ही उससे माँग लिया।

"लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की
जब, जहाँ, जो मिला, अपना लिया,
जो न मिला, उसकी ख्वाहिश न की"

आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
शहर में जब चर्चा....मेरी शोहरत का हुआ
नाम नहीं लेती.....मुझे अब जान कहती है
देखो कितना असर उसपर दौलत का हुआ. !!

कीमत पानी की नहीं, प्यास की होती है;
कीमत मौत की नहीं, सांस की होती है;
प्यार तो बहुत करते हैं दुनिया में;
पर कीमत प्यार की नहीं ,विश्वास की होती है।


अब किसी पर ऐतबार करना मुश्किल है
अब उस दौर में पहुंचना मुश्किल है
उसके जाने के बाद भी कोई जीना है
लेकिन अभी जिन्दा हूँ ये बताना भी मुश्किल है

कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको |

गुनाह करके सज़ा से डरते हैं,
जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं,
हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं |

मैंने ख़ुदा से एक छोटी सी दुआ मांगी
दुआ में उससे अपनी मौत मांगी
ख़ुदा ने कहा बेशक मैं तुझे मौत दे दूं पर
उसे क्या दूं जिसने तेरी लंबी उमर की दुआ मांगी !!

आंखों में नमी थी और विटामिन की कमी थी,
जिससे रात भर चैट की वह गर्लफ्रेंड की मम्मी थी.!!

ऐसा नहीं कि आप याद आते नहीं
खता सिर्फ इतनी है कि हम बताते नहीं
रिश्ता आपका अनमोल है हमारे लिये
समझते हो आप इसलिये हम जताते नहीं।

तू कहीं भी रहे सर पर तेरे इलजाम तो है
तेरे होंठों की लकीरों पे मेरा नाम तो है
मुझको अपना बना या ना बना
तू मेरे नाम से बदनाम तो है।

दोस्तों में जब दरार बढ़ जाती है
तड़पने के लिये सिर्फ याद रह जाती है
क्या फर्क पड़ता है कागज हो या कोयला
जलने के बाद सिर्फ याद रह जाती है।

हमारी खामोशी हमारी आहट है
हमारी आंखें हमारी चाहत हैं
हमारी जिंदगी अगर खूबसूरत है
तो उसकी वजह बस आपकी मुस्कुराहट है।

काश कोई हम पर प्यार जताता
हमारी आंखों को अपने होंठों से छुपाता
हम जब पूछते कौन हो तुम
मुस्कुरा कर वो अपने आप को हमारी जान बताता।

हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो।

क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है!
एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है!
लगने लगते है अपने भी पराये!
और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है!

आपकी हंसी बहुत प्यारी लगती है;
आपकी हर ख़ुशी हमें हमारी लगती है;
कभी दूर ना करना खुद से हमें;
आपकी दोस्ती हमें जान से भी प्यारी लगती है।

लफ्ज़ वही हैं , माईने बदल गये हैं
किरदार वही ,अफ़साने बदल गये हैं
उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते
ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं.!!

पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं कि ख्वाबो में किसे देखते हो?
और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं !

हसरत थी सच्चा प्यार पाने की,
मगर चल पडी आँधियां जमाने की,
मेरा गम कोई ना समझ पाया,
क्युँकी मेरी आदत थी सबको हसाने की..!!

दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आकर युँ तडपाया ना करो...!!

वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो..
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया करो..
तेरी महोब्त में हम सब कुछ खो बैठे..
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो...!!

किसने भीगे हुऐ बालों से ये झटका पानी,
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी,
कोई मतवाली घटा पीके जवानी की उमंग,
दिल बहा ले गया बरसात का पहला पानी..

दिल में तमनाओं को दबाना सीख लिया,
गम को आँखों में छिपाना सीख लिया,
मेरे चहरे से कहीं कोई बात जाहिर ना हो,
दबा के होंठों को हमने मुस्कुराना सीख लिया.. !!

हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नही..!
दिल में बसाकर किसी को भुलाते नही..!
हम तो दोस्त के लिए जान भी दे सकते हैं...!
पर लोग सोचते हैं की हम दोस्ती निभाते नहीं...!!

मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती
मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती
सब जानते है मैं नशा नही करता,
मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती!

इश्क एक से हो तो भोलापन है,
दो से हो तो अपनापन है,
तीन से हो तो दीवानापन है,
चार से हो तो पागलपन है,
फिर भी काउंटिंग ना रुके तो कमीनापन है!

दुनिया से जो डरे, उसे कायर कहते हैं,
दुनिया जिससे डरे, उसे शायर कहते हैं,
और बीवी से जो डरे, उसे शौहर कहते हैं !!

चाँद पर काली घटा छाती तो होगी
सितारों में चमक आती तो होगी
तुम लाख छुपाओ दुनिया से मगर
अकेले में तुम्हें भी अपनी शक्ल पर हँसी आती तो होगी!

दूर से देखा तो संतरा था,
पास गया तो भी संतरा था,
छिल के देखा तो भी संतरा था,
खा के देखा तो भी संतरा था। वाह! क्या संतरा था।

“हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे
लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे
कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए
जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे!”

“खुशबू ने फूल को एक अहसास बनाया
फूल ने बाग को कुछ खास बनाया
चाहत ने मोहब्बत को एक प्यास बनाया
और इस मोहब्बत ने एक और देवदास बनाया!”

“आसमान में काली घटा छाई है
आज फिर गर्लफ्रेंड से मार खाई है
मगर मेरी गलती नहीं है दोस्तों
पड़ोसवाली लड़की आज मिनी स्कर्ट पहनकर आई है…”

“न इश्क कर मेरे यार
ये लड़कियाँ बहुत सताती हैं
न करना इन पर ऐतबार
यह खर्चा बहुत करवाती हैं
रिचार्ज तुम करवा के देते हो
और नंबर मेरा लगाती हैं!!”

“स्टूडेंट के दर्द को यूनिवर्सिटी क्या जाने
कॉलेज के रिवाजों को पेरेंट्स क्या जाने
होती है कितनी तकलीफ एक पेपर लिखने में
वो पेपर चैक करने वाले क्या जाने!!!”

तुम्हीं से प्यार करता हूँ, ना जाने मैं भला कब से,,
ना जीता हूँ ना मरता हूँ,, ना जाने मैं भला कब से,,
कदम रखा है तुमने, जब से इस दहलीज़ पे दिल की,,
उसी एक पल में रहता हूँ, ना जाने मैं भला कब से,, !!

खामोशी को समझे, मेरी तन्हाई को जाने।
क्या कहना चाहता हूँ? नजरों से पहचानें।।
ये सोच अंधेरे में, अक्सर बैठा करता हूँ मै।
जाने वो कब आ जाए, कमरे में शमां जलाने।।

उसकी तस्वीर जो चन्द बरसों पुरानी देखी,
हीर रांझे की मैने उसमें दीवानी देखी,,
कल जो मद्मस्त थी सावन की घटा के जैसी,
आज देखी तो लगा बदली सयानी देखी,, !!

नया ये दौर है लेकिन, वही किस्से पुरानें हैं।
मुहब्बत के जमाने थे, मुहब्बत के जमानें हैं।।
मेरे गीतों में जो तुमने सुने यादों के किस्से है।
मुहब्बत के तरानें तो अभी तुमको सुनाने हैं।।

हमारी ऑख से गिरता, जो तेरे प्यार का मोती,,
उसे होठों से चुन लेती, अगर तुम सामने होती,,
अगर आती बुलाने पे, हर एक राधा किशन के तो,,
मुहब्बत इस तरह से फिर, कभी बदनाम ना होती,, !!

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