Sunday, September 29, 2013

तुम ने भी हमें बस एक दिए की तरह समझा था
रात गहरी हुयी तो जला दिया सुबह हुयी तो बुझा दिया

शुभ रात्रि मित्रो
बड़े सलीक़े, बड़ी सादगी, से काम लिया
गिरते गिरते भी खुद को संभाल लिया
हम तो अँधेरे में गुम हो गये होते
अँधेरे में दिया जला के इन्तक़ाम लिया!

ये मत सोचना की तुमने छोड़ दिया तो टूट गये हम,
वो भी जी रहे हैं जिनको तेरी खातिर छोड़ा था हमने..

सुप्रभात मित्रो
डूब कर तैरना जानते है वो जो हमें जिंदगी से डरा रहे है
डर कर बैठे वो किनारों पे जो मौत का खौफ दिखा रहे है

कोई मिल जाए तुम जैसा,. ये ना-मुमकिन है ..
पर तुम ढूँढ लो हम जैसा.. इतना आसान ये भी नहीं .

शुभ रात्रि मित्रो
में तो बदनाम हुयी करके मोहब्बत
तुम तो समझदार हो दूर रहो इससे

बहुत जुदा है औरोँ से मेरे दर्द की कहानीँ
जख्म का कोई निशाँ नहीँ और दर्द की कोई इँतहा नहीँ।

अगर वो पूँछ लें हम से , तुम्हें किस बात का गम है !
तो फिर किस बात का गम है ,अगर वो पूँछ लें हम से ......!!

हम पर जो गुजरी है क्या तुम सुन पाओगे
नाजुक सा दिल रखते हो रोने लग जाओगे,
बहुत दुख दिए हैँ तकदीर और दोस्तो ने
बैठो मेरे पास मोहब्बत भूल जाओगे ।

क्या बताऊ कैसे खुद को दरबदर मैंने किया
उम्र भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया
तू तो नफरत भी न कर पायेगा इस शिद्दत के साथ
जिस बला का प्यार बेखबर तुझसे मैंने किया

जब किसी दिन "वो" मेरे दिल को रिहाई देगा,
मेरे अन्दर कोई तूफान सुनाई देगा,

सुप्रभात मित्रो
कफ़न न डालो मेरे चेहरे पर , मुझे आदत है मुस्कुराने की ,
आज की रात न दफनाओ मुझे यारो , कल उम्मीद है उनके आने की ..!!

फूल बरसे कहीं शबनम कहीं गोहर बरसे
और इस दिल की तरफ बरसे तो पत्थर बरसे.
हम से मजबूर का गुस्सा भी अजब बादल है
अपने ही दिल से उठे, अपने ही दिल पर बरसे

बहुत तमन्ना थी किसीको अपना बनाने की
बहुत तमन्ना किसी का हो जाने की
पता चला जिन्हें हम अपना बनाना चाहते थे
उन्हें आदत ही नही थी किसी को अपना बनाने की

जाते जाते वो हमें ऐसी निशानी दे गया
उम्र भर भुला ना सकू ऐसी कहानी दे गया
हम तो रह गये प्यासे के प्यासे
पर हमारी पलकों को वो पानी दे गया

डुब जाती है कश्तियाँ जब आते है तुफान,
यादे रह जाती है बिछड जाते है इनसान,
याद रखो तो बहुत करीब पाओगे,
भुल जाओगे तो ढुढते रह जाओगे,

न जाने रोज कितनी बेबसी बर्दाश्त करते है
अगर सच पूछिये जिंदगी बर्दाश्त करते है
किसी को क्या खबर हमपे जो गुजरी है मुहब्बत में
लहू के घूँट पीकर आशिकी बर्दाश्त करते है
गमो के मौसमो में चाँद भी कितना अखरता है
की रखकर दिल पर पत्थर चाँदनी बर्दाश्त करते है

लिख्खी हुयी तहरीर मिटा क्यों नही देते
पत्थर हूँ रास्ते से हटा क्यों नही देते
में वो रकम हूँ जिसपे सूद भी नही मिलता
में जोड़ भी नही हूँ घटा क्यों नही देते

न ये हसरत तुम्हारी है , न ये हसरत हमारी है
मुल्क दोनों का है लेकिन फैली कैसी खुमारी है
मुझे हिन्दू बना ड़ाला तुझे मुस्लिम बना ड़ाला
ये अपने देश में फैली सियासत की बीमारी है

तुम्हारी रुसवाई के कुछ पहलु निकलेंगे
मुहब्बत करके देखो आँख से आसू निकलेंगे
अँधेरे में हुकूमत कर रहे है हम
देखना हमारी तरफदारी में जुगुनू भी निकलेंगे

कभी चाहत भरा दिन रात भी अच्छा नहीं लगता
कभी अच्छा तालुकत भी अच्छा नहीं लगता
कभी दिल चाहता है उस की मुट्ठी मे धड़कना
तो कभी हाथों मे उसका हाथ भी अच्छा नहीं लगता

किस बात पर जान खो रहे हो
क्यों मुझ से लिपट के रो रहे हो
क्या कोई तुम्हारा मुमतजिल है
या किसी के हो रहे हो

जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है
सर अगर झुकाव तो सनम खुदा हो जाता है
जब तलक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो ...

मुझको उदास देखकर ज़माने ने ये सवाल किया ,
आखिर कौन है वो जालिम जिसने तेरा ये हाल किया ,

किसने मुहर लगा दी तेरे होंठों पे ख़ामोशी की।
कौन है वो बदबख्त, जिसने तेरा जीना मुहाल किया।।

कितने दूर निकल गये रिश्ते निभाते निभाते
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में
और हम थक गये मुस्कराते मुस्कराते ...!!

सुना है वो हमको भुलाने लगे है
तो क्या हम उन्हें याद आने लगे है


बहुत नजर अंदाज करने लगे हो आजकल तुम .!! बाज आ जाओ ..!!
वरना इन्ही नजरो से ढूंढते रह जाओगे ...!!!!!

तेरे साथ रहने पे बस नही तुझे भूलना भी मुहाल है
में कहा गुजारू ये जिन्दगी मेरे सामने ये सबाल है

यारो के बिच याराना सिख गए !
थोरा सुर लगाया और तराना सिख गए !!
सब कुछ ठीक था अपने जिंदगी में...!
गलत तो तब हुआ जब दिल लगाना सिख गए !!

मैं कोशिश तो बहुत करती हूँ उसको जान लूं लेकिन
वो मिलने पर बड़ी कारीगरी से बात करता है

कागजी फूलो में खुशबू तो नही होती है
इत्र उनपर भी छिडक दो तो महक जाते है
तुम अगर कीमती हीरा हो तो रातों में मिलो
धूप में तो कांच के टुकडे भी महक जाते है

अगर दिया बनू तो पतंगा नसीब हो मुझको
नहाना चाहू तो गंगा नसीब हो मुझको
मेरी तमन्ना अगर है तो बस ये है
कि यू मरुँ की तिरंगा नसीब हो मुझको

विश्वास एक छोटा शब्द है जिसके मायने बहुत है पर मुश्किल ये है की लोग "विश्वास पर शक करते है" और अपने " शक पर विश्वास करते है "

" नज़र जब तक संभलती है , नज़ारे छूट जाते हैं,
कभी हाथों में आकर भी सहारे छूट जाते हैं,
कभी जिनके बिना, कहते हैं ये जीवन नहीं जीवन,
समय करवट बदलता है, वो प्यारे छूट जाते हैं!"

कोई मंजिल नही जंचती सफ़र अच्छा नही लगता
घर लौट भी आऊ तो घर अच्छा नही लगता
करू कुछ भी दुनिया को अब सब अच्छा ही लगता है
पर मधुर को अव तेरे बिना कुछ भी अच्छा नही लगता

बिछड़ के तुमसे हमारा अजीब हाल रहा
तुम्हारे बाद भी जिन्दा है ये कमाल रहा
सजा कबूल है लेकिन खता हुई क्या
हमारे लव पे हमेशा ही ये सबाल है

Saturday, September 14, 2013

उनको शक हुआ मेरी वफा पर ?
और वो मुझे छोड चले।
मुझे विश्वास था उनकी मोहब्बत पर और हम उनके लौटने का आज तक इन्तजार करते रहे।

अरसा बीता ज़िन्दगी बीती सब कुछ बीता लेकिन फिर भी,
जो इश्क में बीती वो इश्क जाने या वो जाने जिस पर बीती...

दोस्त मिलते हैं यहाँ दिल को दुखाने के लिए,,
उँगलियाँ रखते हैं वो हम पे उठाने के लिए,,

रोये हैं बहुत तब ज़रा क़रार मिला है,,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,,

गुज़र रही है जिंदगी इम्तहान के दौर से,,
एक ख़त्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला है,,
मेरे दामन को खुशियों का नही म़लाल,,

गम का खज़ाना जो इसको बेशुमार मिला है,,
वो बदनसीब हैं जिन्हें महबूब मिल गये,,
मैं खुशनसीब हूँ ,मुझे इंतज़ार मिला है।।।।


खुशियां कम और अरमान बहुत हैं,
जिसे भी देखिए यहां हैरान बहुत हैं,,

करीब से देखा तो है रेत का घर,
दूर से मगर उनकी शान बहुत हैं,,

कहते हैं सच का कोई सानी नहीं,
आज तो झूठ की आन-बान बहुत हैं,,

मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं,,

तुम शौक से चलो राहें-वफा लेकिन,
जरा संभल के चलना तूफान बहुत हैं,,

वक्त पे न पहचाने कोई ये अलग बात,
वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत हैं।।।


"उसको मिल गए ख्वाहिश के मुताबिक अमीर,
मेरे अरमानो की कातिल निकली गरीबी मेरी"..


तुझे, ज़िन्दगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए, तुझे भूल जाना भी मुश्किल है !!

हम अपने आंसुओ को चुन रहे है ?
सितारे किस लिए जल भुन रहे है ?


होंठो पर लाकर मधुर मुस्कान
स्वीकार करो मेरा प्रणाम ........शुभ प्रभात जी


कह दू तुम्हेँ . . .या चुप रहु . . .
दिल मे मेरे आज क्या है . . . .?


खुद ही दिल का रोग लगाये , खुद ही बैठा रोये ,
नैना रे नैना तुझसे बुरा न कोए ....


राह देखा करेगा सदियों तक,
छोड़ जाएंगे यह जहां तन्हा

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता,
धज्जी-धज्जी रात मिली।
जिसका जितना आंचल था,
उतनी ही सौग़ात मिली।।
जब चाहा दिल को समझें,
हंसने की आवाज़ सुनी।
जैसे कोई कहता हो, लो
फिर तुमको अब मात मिली।।
बातें कैसी ? घातें क्या ?
चलते रहना आठ पहर।
दिल-सा साथी जब पाया,
बेचैनी भी साथ मिली।।



सर पे जिम्मेदारियों का बोझ है, भारी भी है।
डगमगाते पाँवों से लेकिन सफर जारी भी है।

तलफ्फुजों की जिरह और बयान के झगड़े।
गजल की जान न ले लें जबान के झगड़े।।

जब धूप का समन्दर कुल आसमान पर है।
ऐसे में, इक परिन्दा पहली उड़ान पर है।।

या रब तू ही बचाना आफत सी जान पर है,
फिर तीर इक नजर का तिरछी कमान पर है।

उस पार से मुहब्बत आवाज दे रही है,
दरिया उफान पर है दिल इम्तिहान पर है।

 सत्य प्रकाश  से भले ही वाकिफ न हो जमाना,
गजलों का उसकी चर्चा सबकी जुबान पर है।

ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
महोब्बत का गम दिल पे उठाऐ हुऐ हैं,
खिलौना समझ कर हम से ना खेलो,
हम भी उसी खुदा के बनाऐ हुऐ हैं..

दिल में तमनाओं को दबाना सीख लिया,
गम को आँखों में छिपाना सीख लिया,
मेरे चहरे से कहीं कोई बात जाहिर ना हो,
दबा के होंठों को हमने मुस्कुराना सीख लिया..

बहुत चाहेंगे तुम्हे, मगर भुला ना सकेगे,
ख्यालों में किसी ओर को ला ना सकेंगे,
किसी को देखकर आँसु तो पोंछ लेंगे,
मगर कभी आपके बिना मुस्कुरा ना सकेंगे..

पास होते तो अपने पास बिठाती तुमको,
रख के दिल पे हाथ धडकन सुनाती तुमको,
और जो तुम सकुन की आरजू करते,
रखते सिर गोद में और सुलाती तुमको..


न कर गुमां बन्दे तूँ, अपने हुस्न ओ जवानी का,
तेरी जिंदगी क्या, फक्त एक बुलबुला है पानी का।

ये तेरी चन्दन सी देह भी, माटी में मिल जायेगी,
सब यहीं रह जायेगा, बस तेर नेकी साथ जायेगी।...

Tuesday, September 10, 2013

कुछ हिंदी के कठिन शब्द

  नवरात्र के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक
शुभकामनाएं

जयकारा शेरावाली दा , बोल सांचे दरबार की...............जय
सुप्रभात,जय माता दी प्रिय मित्रगण......!!!
मैं कामना करता हूं कि आप सभी पर सदैव मां भगवती की कृपा और आशीर्वाद बना रहे। नवरात्री के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
जय माता दी !!आप सबको सपरिवार 'शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभ कामनाए


ऊंगली उठा तो दी मगर यह भी हकीक़त देख ली,
एक थी उसकी तरफ, तो खुद की जानिब तीन थ

सभी प्यारे दोस्तों को मेरा नमस्कार !!
जय हिन्द ''मित्रों'' सदा मंगलमयी रहे आप सबका ये पावन जीवन !!
वन्दे मातरम्
श्रद्धांजलि अर्पित करें!!
राक्षस ढोंगी
वॉशरूम
उत्तेजक मुद्रा
कोई पुण्य  क्रूर हो. ठाणे




 मैं आज भी
रो देती हूँ ,

वो कहते हैं
मुस्कुराने के बाद......!!


मुझमें हैं अवगुण दोष हज़ार फिरभी करते हो मुझे इतना प्यार

अधिक से अधिक मित्रों जोड़ना कला नहीं है , लेकिन उन्हें मेरे साथ संतुष्ट या खुश करना , यह एक कला है

मोहब्बत करने वालों को इनकार अच्छा नहीं लगता
इस दुनिया के बाशिंदों को इकरार अच्छा नहीं लगता
जब तक लड़का भगा नहीं ले जाए लड़की को
तब तक लोगों को प्यार सच्चा नहीं लगता!


ऐ दिल किनारें को किनारा ना समझ,
ऐ दिल सहारें को सहारा ना समझ \
बारिश आने पर किनारें टूट जाते हैं,
मुसीबत आने पर सहारें छुट जाते हैं

मेरे हाथों की लकीरों के इज़ाफ़े हैं गवाह …
मैं ने पत्थर की तरह ख़ुद को तराशा है बहुत ..!!!

मोहब्बत को खेल बनाये फिरते हैं,
आज एक से, कल दूसरे से दिल लगाये फिरते हैं,
दुनिया किस राह पे निकल चुकी है अब,
रोज एक नया महबूब बनाये फिरते हैं।
दिल नही, कोई बाज़ार हो जिस तरह,
जाने क्यूँ लोग खुद को खरीददार बनाये फिरते हैं


दोस्त भी गैरों की अदा सीख गये है'
आते है मगर दील को दुखाने नहीं आते...


बस इक हाँ के इन्तजार में,
रात यूँ हीं गुजर जायेंगी..!
अब तों बस उलझने हैं साथ मेरें ,
निन्द कहाँ आयेंगी.


"लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है
कोई करता है तो इल्जाम देते है
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है"

डर लगता है..की कहीं बोल दे हम तो
गायब न हो जाये वो..कम से कम
देख तो पाते है.इसी बहाने उसको
पल दो पल...ही सही..हार्दिक स्वागतम..सर झुका के..

"खामोश गुजर जाते हैं वो करीब से
सवाल उठते हैं अजीब से
वो खफा हैं या उनकी अदा है
शिकायत भी क्या करे अपने नसीब से"


नींद आये तो सो जाया करो,
यूँ जागने से मोहबत लौटा नही करती !!

**********************

बेइज्जती' और 'बीवी' एक जैसी होती है! अच्छी तभी लगती है जब दूसरे की हो

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जरा सख्त लहजे में बात कर , जरा बेरुखी से पेश आ ,
मैं उसी नजर से तबाह हुआ , मुझे यूँ न देख प्यार से .....

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मेरी दुआ मै आपका ज़िकर सदा रहेगा ,
आपकी ज़िन्दगी मे ख़ुशी हो या गम मेरा साथ सदा रहेगा ,
भले ही हम दूर ही सही ,
पर ये रिश्ता सदा रहेगा …….

**************

सौ बार मरना चाहा , निगाहों में डूब कर उनकी ,
फिर वो निगाहें झुका लेते है , हमें मरने नहीं देते




आदरणीय जनों को मेरा सादर प्रणाम..
सुप्रभात.,शुभदिन.,शुभ हरपल..
सभी का शुभ हो मंगल हो ...!!

""देखी जो मेरी नब्ज़ तो एक लम्हा सोचकर ...???
हकीम ने लिया कागज और" फेसबुक" का बीमार लिख दिया .""...


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हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन,
अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को....!!


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प्यार से डंडा भी मारो तो होली लगती है
गुस्से से हाल भी पूछो तो गोली लगती है
अपनो के लिए कोई भी अंदाज चलता है
याद में गिरा दो आंसू भी समन्दर लगता है ..

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लोग कहते हैं जिन्दा रहे तो फिर मिलेंगे,
मैं कहती हूँ मिलते रहे तो जिन्दा रहेंगे.......

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जिन्दगी की उदास रातोँ मेँ,
इक दीया अब भी टिमटिमाता है।
ऐ-वक़्त! करदे उसे भी गुल,
ढल चुकी रात, अब कौन आता है?

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अपनी मोहब्बत पे फ़क़त इतना भरोसा है
मेरी वफायें तुझे किसी और का होने नहीं देंगी...

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खाने को ग़म, पीने को आंसू, बिछाने को चाहें, ढकने को आहें ..
शायर की झोपडी में किस चीज़ की कमी है ?

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विश्वास की एक डोरी है फेसबुक;
विश्वास के बिना कोरी है फेसबुक;
कभी थैंक्स तो कभी सॉरी है फेसबुक;
ना मानो तो कुछ भी नहीं;
पर मानो तो सब की भी कमजोरी है फेसबुक

*******************

"मेरी वफाए याद करोगे .
रोओँगे . . .फरियाद करोगे .

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याद एक चिड़िया है!
क्या तुम तक पहुंचती है इसकी आवाज?

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अब तो आँखों में समाती नहीं, कोई सूरत,
गौर से मैंने उसे, काश न देखा होता......!!

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मैने उनसे क्या करी, हंस कर के दो बात !
घर पर ले कर आ गया , वो मेरे बारात !!

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उसे ये कौन समझाये
खुशी के एक आंसू से
समन्दर भर भी जाते है
बहुत खामोश रहने से
ताल्लुक मर भी जाते है

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फ़ेसबुक के फ़ायदे -

1) सड़को पर झगड़े बंद हो गये, अब
पेज और ग्रुप में गाली गलौच
होती है.

2) प्रेमी युगल गार्डेन के बदले
फ़ेसबुक में मिलते हैं.

3) किस के बदले Muwaahhh
का इस्तेमाल होता है.

4) नये दोस्त फ़ेसबुक में बनते हैं.

5) गर्ल फ़्रेंड फ़ेसबुक पर
खोजी जाती है

6) सामाजिक और राजनैतिक चर्चा नुक्कड़ पर चाय वाले के
स्थान पर फ़ेसबुक पेज में होती है.

7) लड़के सड़को के स्थान पर
फ़ेसबुक पेज में लड़कीयो को छेड़ते
हैं.

ज़ोर से हँसने के स्थान पर LOl, ROFL का इस्तेमाल
किया जाता है.

9) जन्मदिन फ़ेसबुक पर
मनाया जाता है, और अंजान
मित्रों द्वारा भी शुभकामनायें
दी जाती हैं.

10) माँ-बाप के लिये समय
नहीं होता लेकिन 'I Love Mom-

हिंदी शायरी

मे वो सूरज हूँ न डूबेगी कभी जिस की किरण
रात होगी तो सितारों में बिखर जाऊँगा !!!

**************

फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।।

*********************

तुम ने ठीक कहा था उस दिन...-प्यार चाँद-सा ही होता है....
और नहीं बढ़ने पाता तो... धीरे-धीरे ख़ुद ही घटने लग जाता है

*****************

ये तो बड़ा मुझ पर..अत्याचार हो गया
खामख्वाह मुझे...तुझसे प्यार हो गया

***************

स्त्री प्रेम करने के लिए है उसे प्रेम करने दो,,
पुरुष कर्म करने के लिए है उसे कर्म करने दो..

*******************

खुशनसीब हैं वो जो दिल मे किसी को जगह देते हैं.
बेचैनी सहकर भी दूसरों को हंसना सिखा देते हैं.
दुनियावाले लाख चाहें बदनाम उन्हें कर लें.
मगर वो अपनी सादगी से हर दिल में जगह बना लेतें हैं...

*****************

इस दुनिया से चले जाने के बाद हम तुम्हे ,
हर एक तारे में नज़र आया करेंगे ,
तुम हर पल कोई दुआ मांग लेना ,
और हम हर बार टूट जाया करेंगे .

*******************

''...रूठना मत मुझे मनाना नहीं आता

दूर मत जाना मुझे बुलाना नहीं आता

तुम भूल जाओ तुम्हारी मर्ज़ी

मगर मैं क्या करूं,

मुझे तो भूल जाना भी नहीं आता...

***************

और भी बनती लकीरें दर्द की शायद कई
शुक्र है तेरा खुदा जो हाथ छोटा सा दिया
तूने जो बख्शी हमें बस चार दिन की ज़िंदगी
या ख़ुदा अच्छा किया जो साथ छोटा सा दिया.....

********************

बहाना क्यूँ तलाश करते हो
मसरूफ होने का
बस इतना कह दिया करो
अब दिल में जगह नहीं

*************

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में.
दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़...

*****************

जल्दबाजी में शादी कर के .... सारा जीवन बिगाड़ लोगे
और सोच समझ के करोगे .... तो कौन सा तीर मार लोगे ?????

*******************

हमारे गिरते हुए आँसू पकड कर तो देख,
वो भी कहते हैं हम आपके बिना रह नही सकते.

******************

जिंदगी एक अभिलाषा है
अजब इसकी परिभाषा है
जिंदगी क्या है मत पूछो यारो
सवर गई तो जन्नत
और बिखर गई तो तमाशा है .....शुभ संध्या मित्रो

*****************

हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है जान
तुझे चाहा इसलिए कि शायद तेरी फितरत बदल जाये.

*****************

इश्क कि राह में दम निकले तो निकलें यारों
सलामत रहे मेरा भी जनाजा जालिमो के आगे.

*********************

मुद्दत हुए मिला नही यार -दोस्तोँ से ,
शायद इसीलिए सब अधूरा- अधूरा सा लगता है।

*********************

तुम्हारी हिचकियाँ बयाँ कर रही हैं हाजिरी मेरी
बस इतना तो बता दो, कब हम जुबाँ पे होंगे ?

*********************

जो रिश्तो को निभाने का किया करते हैं दावा ..................
उन्हें ही वादा खिलाफत करते देखा है.....

***********************

इस दुनिया से चले जाने के बाद हम तुम्हे ,
हर एक तारे में नज़र आया करेंगे ,
तुम हर पल कोई दुआ मांग लेना ,
और हम हर बार टूट जाया करेंगे .

*******************

खुदा की रहमतों का जिक्र करते हैं इन्सां सभी
मगर इन्सानियत की कद्र करता नहीं हर कोई !

****************

बड़ी मुश्किल से सुलाया है ख़ुद को मैंने,
अपनी आंखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर.

********************

देखो, दस तक गिनूंगा।
आओ, तो ठीक,
वरना, फिर से गिनूंगा।

*********************

मैनें कई बार
कोशिश की है
तुम से दूर जानें की,
लेकिन
मीलों चलनें के बाद
जब मुड़ कर देखता हूँ
तो तुम्हें
उतना ही करीब पाता
हूँ |

**************

थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ।
ये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँ।
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें,
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ .

********************

तुम्हें ग़ैरों से कब फुर्सत हम अपने ग़म से कब ख़ाली
चलो बस हो चुका मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली

***************

हे री मैं तो प्रेम-दिवानी, मेरो दरद न जाणै कोय ॥

***********************

सुप्रभात दोस्तों .......
उड़ने दो इन परिंदों को आज़ाद फिजाओ में,
अपने होगे तो लौट आयँगे किसी रोज....!!

*******************

शुभ संध्या, दोस्तो
रूठ जाते है शब्द भी, अपने गलत इस्तेमाल पर
देखा है हमने शब्दों को भी, अक्सर नाराज़ होते हुए !!

****************

वो जब याद आये
बहुत याद आये !

***************

तू अगर मुझे नवाज़े तो तेरा करम है मेरे "मालिक" !!
वरना तेरी रहमतों के काबिल मेरी बंदगी नहीं !!

****************

ये भी गया सब ही जाते हैं
फिर जाने हम क्यूँ पछिताते हैं
मरते हैं लोग हर दिन कीड़ों की तरह
याद वही रहते हैं जो कुछ कर जाते हैं .

********************

आदाब-ऐ-मुहब्बत भी अजब है दोस्तों;
दो दिल मिलनेको राजी है
लेकिन यह तकल्लुफ है;
की वो पहला इशारा कौन करे?

********************

-अजीब से फासले हैं तेरे-ओ-मेरे दरमियाँ-
पास तुम रहती नहीं और दूर भी जाती नहीं .

*******************

पति जो बहुत काला था पत्नी से बोला: मैं जैसा भी हूँ पर बच्चा अच्छा होना चाहिए॰

पत्नी ने कहा: सोच लो......,

अपना चाहिए या अच्छा चाहिए..

*****************

अजीब कशमकश थी कि जान किसको दे
वो भी आ बैठे थे और मौत भी.

****************

परेशां हूँ कि परेशानी नही जाती ।
बचपन तो गया पर नादानी नही जाती

******************

इल्ज़ामों से बेहतर खामोश रहना ,
लगा लिए हैं ताले जज़्बात पर !

*******************

बस एक बार निकाल दो इस इश्क से ऐ खुदा ,
फिर जब तक जियेंगे कोई खता न करेंगे .....

****************

न जाने कितने काँटों की चुभन लेकर
...एक लाल गुलाब मुस्कराता है !!

****************

" मैं ताक रहा.. उस को.. वो झांक रहा.. मुझ को..
इस ताक - झांक.. में ही.. ज़िन्दगानी गुज़र गई ... "

*******************

तरस जाओगे हमारे लबो से सुनने को एक एक लफ़्ज;
प्यार की बाते तो क्या हम शिकायत भी नही करेंगे...

************************

ये तो बड़ा मुझ पर..अत्याचार हो गया
खामख्वाह मुझे...तुझसे प्यार हो गया

*********************

गीली लकड़ी कि तरह रात भर सुलगीं यादें ,
रात भर धुँआ बहता रहा आंसू बनकर...!

*******************

फेसबुक के दीवानों सुन लो एक दिन ऐसा आएगा |
कम्प्यूटर और मोडम तेरा यहीं पड़ा रह जाएगा |
पासवर्ड अपना भूल जाएगा ,ढूदेगा फिर गली गली ,
लेलो रे कोई फेसबुक का प्यारा ,राम नाम है सब से भली ||
क्या करता है मेरी मेरी यह तेरा लैपटाप नहीं ,
झूठे फेसबुक पर फंसा हुआ है वो सच्चा इन्सान नहीं
दो दिन का नेट पर डेरा है ,अंत में होगी चला चली ,
ले लो रे कोई फेसबुक का प्यारा ,राम नाम है सबसे भली |
जिसने राम की माला पकड़ी वे तो मालामाल हुए ,
इन्टरनेट का बिल भर भर के नेट वाले कंगाल हुए ,
फेसबुक ट्विटर वालो सुन लो बात सुनाऊ खरी खरी
ले लो रे कोई फेसबुक का प्यारा राम नाम है सबसे भली |

*********************

मेरे सभी लिखने वाले दोस्तों के नाम ...
लिखो तो पैगाम कुछ ऐसा लिखो
के कलम भी रोने को मजबूर हो जाये
हर लफ्ज में वो दर्द भर दो की
पढने वाला प्यार करने पर मजबूर हो जाये.

*******************

आपकी हंसी बहुत प्यारी लगती है;
आपकी हर ख़ुशी हमें हमारी लगती है;
कभी दूर ना करना खुद से हमें;
आपकी दोस्ती हमें जान से भी प्यारी लगती है।

*******************

गुलाब मुहब्बत का पैगाम नहीं होता
चाँद चांदनी का प्यार सरे आम नहीं होता
प्यार होता है मन कि निर्मल भावनाओं से
वर्ना यूँ ही राधा-कृष्ण का नाम नहीं होता.

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बड़े अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग
दोस्त बन जाते हैं.
मिलने की खुशी दें या न दें,
बिछड़ने का गम जरुर दे जाते हैं...!!

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मुड़कर भी ना देखा एक बार, जाते हुये उसने,
एक ना सुनी इस दीवाने की,
अब तो आदत सी हो गई है मुझको,
हर गम को छुपाने की.........

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होंठों पर "मुस्कान" हर मुश्किल
कार्य को आसान कर देती है l

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रास्ता सुझाई देता है,
न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं,
न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत ने
आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में,
तेरी सूरत दिखाई देती है

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सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,
सारी मेहफिल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा ..

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जनाजा मेरा उठ रहा था,
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में!
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है दफनाने में?

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मिलना इतिफाक था बिछरना नसीब था ..
वो तुना हे दूर चला गया जितना वो करीब था ..
हम उसको देखने क लिए तरसते रहे …
जिस शख्स की हथेली पे हमारा नसीब था

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दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो,
नफ़रत उन से करो जो भूलना जानते हो,
ग़ुस्सा उन से करो जो मानना जनता हो,
प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जनता हो..

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धोखा दिया था जब तूने मुझे. जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था….

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पास आकर सभी दूर चले जाते हैं, हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं, दिल का दर्द किससे दिखाए, मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं.

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कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं कोई बेवफा नही होता, टटोल कर देखो अपने दिल को हर फासला बेवजह नहीं होता….
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तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने ,
तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने ,
मत सोच के हम भूल गए है तुझे ,
आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे

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आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा`

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शिकायत है उन्हें कि,
हमें मोहब्बत करना नही आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है,
पर इसे शिकायत करना नहीं आता

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यादों की किम्मत वो क्या जाने,
जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं…

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प्यार वो हम को बेपनाह कर गये,फिर ज़िनदगीं में हम को,
तन्नहा कर गये, चाहत थी उनके इश्क में,फ़नाह होने की,
पर वो लौट कर आने को,भी मना कर गये..

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मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी
मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा…..
आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है
तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा……
मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी
तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा….
सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं
उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा…

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अपने जज्बात को,
नाहक ही सजा देती हूँ…
होते ही शाम,
चरागों को बुझा देती हूँ…
जब राहत का,
मिलता ना बहाना कोई…
लिखती हूँ हथेली पे नाम तेरा,
लिख के मिटा देती हूँ..

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जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये ॥

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ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है ॥

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प्यार  कमजोर  दिल  से  किया  नहीं  जा  सकता ,
ज़हर  दुश्मन  से  लिया  नहीं  जा  सकता,
दिल  में  बसी  है  उल्फत  जिस  प्यार  की
उस  के  बिना  जिया  नहीं  जा  सकता.

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देख मेरे प्यार की गहराइयों में;
सोच मेरे बारे में तन्हाइयों में;
अगर हो जाये मेरी चाहत का यकीन;
तो पाओगे, मुझे अपनी परछाइयों में!

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दिल जित ले वो नजर हम भी रखते है,
भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है,
यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना आँखों में समंदर हम भी रखते है|

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 बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद

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“कभी चाहा तुझे ऐसा की रब जैसा पूजा, किस जगह मैने तुझे पुकारा नही,
यु दर्द देकर क्या मिला तुजे? कह देते की तुमसे मिलना अब गँवारा नही”

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 अपनो को दूर होते देखा ,
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हे फ़िज़ूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा!

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मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला......
हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला.......
लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से

 और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला

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में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना !
में उसके गम में शरीक हूँ
पर मेरा गम न उसे बता देना,
जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
शक में न बहा देना !

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जीना चाहता हूँ मगर जिनदगी राज़ नहीं आती,
मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती,
उदास हूँ इस जिनदगी से,
क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती

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 चल मेरे हमनशीं चल अब इस चमन मे अपना गुजारा नही,
बात होती गुलोँ तक तो सह लेते हम अब तो काँटो पे हक़ भी हमारा नही”

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 ऍ जालिमो अपनी किस्मत पे इतना नाज ना करो.
वक्त तो बदलता ही रहता है,
वो सुनेगा यकीँनन सदाऐँ ” अकेले की,
क्या खुदा सिर्फ तुम्हारा है, हमारा नही?

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अपनों से दूर है अपनों की तलाश ,
ज़िन्दगी से दूर है ज़िन्दगी की तलाश ,
मैं अपने आप को कभी समझ नहीं पाया ,
कि मैं जी रहा हूँ ज़िन्दगी

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 उनको शक हुआ मेरी वफा पर ?
और वो मुझे छोड चले।
मुझे विश्वास था उनकी मोहब्बत पर और हम उनके लौटने का आज तक इन्तजार करते रहे।

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 अरसा बीता ज़िन्दगी बीती सब कुछ बीता लेकिन फिर भी,
 जो इश्क में बीती वो इश्क जाने या वो जाने जिस पर बीती..

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महोब्बत को जब लोग खुदा मानते हैं..
 तो प्यार करने वालो को क्युँ बुरा मानते है.
 जब जमाना ही पत्थर दिल है..
 तो फिर पत्थरों से लोग क्युँ दुआ माँगते है.

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  दोस्त मिलते हैं यहाँ दिल को दुखाने के लिए,,
उँगलियाँ रखते हैं वो हम पे उठाने के लिए,,

क्या कसूर उनका है ये रस्म चली आई है
तोहमते होती ही हैं दुनियां में लगाने के लिए,,.

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 रोये हैं बहुत तब ज़रा क़रार मिला है,,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,,

गुज़र रही है जिंदगी इम्तहान के दौर से,,
एक ख़त्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला है,

 मेरे दामन को खुशियों का नही म़लाल,,

गम का खज़ाना जो इसको बेशुमार मिला है,,
वो बदनसीब हैं जिन्हें महबूब मिल गये,,
मैं खुशनसीब हूँ ,मुझे इंतज़ार मिला है।।।।

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 अच्छे – बुरे की जिसे पहचान हो जाए
  कसम से वो आदमी इंसान हो जाए

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 खुशियां कम और अरमान बहुत हैं,
जिसे भी देखिए यहां हैरान बहुत हैं,,

करीब से देखा तो है रेत का घर,
दूर से मगर उनकी शान बहुत हैं,,

कहते हैं सच का कोई सानी नहीं,
आज तो झूठ की आन-बान बहुत हैं,,

मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं,,

तुम शौक से चलो राहें-वफा लेकिन,
जरा संभल के चलना तूफान बहुत हैं,,

वक्त पे न पहचाने कोई ये अलग बात,
वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत हैं।।

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हम आ रहे हैं आपके घर स्वागत नहीं करोगे।।
 _/\_ _/\_
 ^ श्री गणेश चतुर्थी की सभी को शुभकामनाएं ^

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सुप्रभात मित्रजनो ...
 आपका दिवस मंगलमय हो ...

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 स्वागत है मित्रों की टोली में
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   जीना कोई मुश्किल तो नहीं
 बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए.

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 रात को चुपके से आता है एक "फरिश्ता",

कुछ खुशियों के सपने लाता है "फरिश्ता".

कहता है- सपनों के आगोश में खो जाओ,

भूल के सारे गम चुपके से आ जाओ..!!! (अच्छा दोस्तों- शुभ रात्रि).

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 सब कुछ बदल गया है उस के आने से
 हिम्मत आ गई उस के समझाने से
 फसा मै जब भी उस ने संभाला है
 मिले न उस जैसा , वो सब से निराला है
 जब जब दिल यह उदास होता है
 मेरा मुरली वाला मेरे पास होता है

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 हो गई है शाम चलो लौट चलें घर,
 प्यारा पिता बुलाता,
 पूरा हुआ सफर..

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 दिन तो कट जाता है शहर की रौनक में ........
 कुछ लोग बहुत याद आते हैं दिन ढल जाने के बाद ...!!!

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 अज़ब माहौल है मेरे मुल्क का...
 मज़हब थोपा जाता है,
 इश्क रोका जाता है

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 पराजय तब नही होती जब आप गिर जाते हैं,
 तब होती है जब आप उठने से इनकार कर देते हैं

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 नफरत है तो कह देते हमसे,
 गैरों से मिल कर दिल क्यों जलाते हो.

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 क़माल हो गया ........क़माल हो गया
 एक कुत्ते को गाली दी और नेता नाराज हो गया.

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 मैं उसको भूल जाऊं....कैसी बातें करते हो. " योगेश "
 सूरत तो फिर भी सूरत......वो नाम भी अच्छा लगता है...
 .सुप्रभातम ....आप का आज का दिन शुभ व् मंगलमय हो..

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 "इश्क गरम चाय कि तरह है और
 दिल पारले जी बिस्कुट
 कि तरह ... हद से
 ज्यादा डुबाओगे तो टूट
 जाएगा...."

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 उठ गयी यारों की महफ़िल
 हो गयी तनहाईयाँ ...।।।

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 तुझे, ज़िन्दगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए, तुझे भूल जाना भी मुश्किल है !!

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 तलाश करते रहे जब तलक मिले वो नहीं,
तलाश छोड़ दिया फिर तो बार बार मिले॥

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 बड़ी मुद्दत से चाहा हे तुम्हे
बड़ी दुओं से पाया हे तुम्हे
तुझे भुलाने का सोचु भी कैसे
किस्मत की लकीरों से चुराया हे तुम्हे

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 चमक तो रहे हैँ आसमाँ मेँ सारे के सारे तारे
 "चाँद" भी होता तो मुस्कराता कर कर इशारे..

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"जिद्दी लोग है 'साहब' मेरे शहर के,

 जो बिका नहीं,खरीद लिया जाता है"

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 ज़िन्दगी यूँ तो मुकम्मल है तेरे बिन,
फिर क्यों लगता है हमेशा कि कुछ खो गया.

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 ख़्वाब देखना हमारी आदत है और ख़्वाब तोड़ना उनकी फ़ितरत,
 न हम अपनी आदत से बाज आतें हैं और न वो अपनी फ़ितरत से....

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 कहते हैं के, मोहब्बत एक बार होती है, पर मैं जब जब उसे
 देखता हूँ, मुझे हर बार होती है.....

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 ऐ इश्क . . .
 जरा एक बात तो बता -
 क्या सब को आजमाते हो ?
 या मेरे साथ दुश्मनी है तेरी .

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  ज़िन्दगी ये मन की काँटों भरा सफ़र हे
इससे गुजर जाना ही असली पहचान हे
बने बनाये रस्ते पर तो सब ही चलते हे
खुद रस्ते जो बनाये वही तो इंसान हे

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 हमको उनसे अभी भी प्यार है,
आँखों में नमी और दिल में इंतज़ार है,
लोट कर आयेंगे वो कभी न कभी,
अपनी वफ़ा पे दिल को पूरा ऐतबार है,

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 मुझको अपने गले लगा लो ऐ मेरे हम राही ,
 तुमको क्या बतलाएं हम की तुमसे कितना प्यार है ,,,,,

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 हँस सको जितना खुलकर हँसा करो,
 न जाने क़यामत किस द्वार पर खड़ी हो !

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 दूसरे का दर्द देख लो तो
 अपना दर्द भूल जाओगे
 दुनिया में कौन सुखी है
 हर दिल में दर्द ही पाओगे.

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"बहुत दूर तक जाना पड़ता है ,
  सिर्फ यह जानने के लिए,
 नज़दीक कौन है"

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 लबों पे आज उनका नाम आ गया,
 प्यासे के पास जैसे जाम आ गया..
 डोले कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे जा कर,
 आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया

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 कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,
 हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो...

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कोई नामुमकिन सी बात मुमकिन करके दिखा.
 खुद पहचान लेगा जमाना तुझे..... तू भीड़ में भी अलग चल कर दिखा.....

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लग जा गले कि,
 फिर ये हसीं रात हो ना हो.....
 शायद फिर इस जनम में....
 मुलाकात हो ना हो .....

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 ऐ मोहब्बत
 तुझे पाने की
 कोई राह नहीं. . .
 तू सिर्फ उसे ही
 मिलती है जिसे
 तेरी परवाह नहीं. . . .
  ये एक कड़वा सच है. . .मोहब्बत करने वालों के लिए. . .

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 मुझे इतना याद आकर बे -चैन न करो तुम,
 एक यही सितम काफी है की साथ नहीं हो तुम.